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कठुआ मामलाः फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कुछ नहीं मिला, खाली था सुबूतों का लिफाफा

बहुचर्चित कठुआ मामले में मृतक नाबालिग लड़की के जब्त किए गए सुबूतों का लिफाफा खोला गया, लेकिन लिफाफे में बंद चारों छोटे लिफाफे खाली पाए गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 09:47 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 05:30 PM (IST)
कठुआ मामलाः फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कुछ नहीं मिला, खाली था सुबूतों का लिफाफा

जेएनएन, पठानकोट। बहुचर्चित कठुआ मामले में मृतक नाबालिग लड़की के जब्त किए गए सुबूतों का लिफाफा पठानकोट के जिला एवं सेशन कोर्ट में खोला गया, लेकिन लिफाफे में बंद चारों छोटे लिफाफे खाली पाए गए। इसके बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को इस सारे मामले की तफ्तीश कर जवाब देने को कहा है।

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कोर्ट में जब मामले की सुनवाई चल रही थी तो लड़की की मौत के बाद जब्त किए गए बाल, कपड़े तथा अन्य सैंपलों को चेक करने के लिए फोरेंसिक लैब से आई रिपोर्ट को खोला गया। इस लिफाफे पर फोरेंसिक साइंस लैब की सात मुहरें लगी हुई थीं। कोर्ट के सामने जब लिफाफे को  प्रोसिक्यूशन की ओर से खोला गया तो  अंदर चारों लिफाफे खाली मिले।

बचाव पक्ष के वकील एके साहनी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि एफएसएल रिपोर्ट में कुछ न मिलने के बाद अब प्रोसिक्यूशन के लिए समस्याएं विकट बन सकती हैं। इस मामले की सुनवाई को लेकर दसवें गवाह को पेश किया गया। बचाव पक्ष की ओर से उसके साथ क्रास एग्जामिनेशन की गई।

पेशी पर आने वाले गवाह की पूर्व में दें सूचना, बचाव पक्ष ने दायर की याचिका

बचाव पक्ष के वकील एके साहनी ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की कि इस केस का फेयर ट्रायल चल रहा है। ऐसे में प्रोसीक्यूशन की ओर से कौन सा गवाह कोर्ट में पेश किया जाएगा, इसकी उन्हें पूर्व में सूचना दी जाए। साहनी ने कहा कि इस केस से 221 गवाह जुड़े हुए हैं। यदि गवाही से एक दिन पूर्व भी उन्हें पता चल जाएगा कि कौन सा गवाह आ रहा है तो वह अपनी भी तैयारी कर लेंगे। कोर्ट की ओर से इस याचिका पर 18 जुलाई को फैसला आएगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने रद की सीबीआइ जांच की मांग : जेके चोपड़ा

जम्मू कश्मीर सरकार के अभियोजन पक्ष के वकील जेके चोपड़ा ने बताया कि इस सारे मामले की सुनवाई  माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में गवाहों, आरोपितों और पीडि़त परिवार की सुरक्षा का जिम्मा जम्मू कश्मीर सरकार को दिया हुआ है। अधिवक्ता चोपड़ा ने बताया की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जांच एजेंसी की जांच और माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय पठानकोट की कार्यवाही को सही माना है। साथ ही इस पर मुहर लगा कर सीबीआइ जांच की मांग को रद कर दिया है।
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