निगम से पीआइडीबी लेगा 74 एकड़ जमीन, बदले में देगा 6 करोड़ रुपये
रणजीत सागर बांध परियोजना की झील पर 200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म हब मेगा प्रोजेक्ट पर चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद मोहर लग गई है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट : रणजीत सागर बांध परियोजना की झील पर 200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म हब मेगा प्रोजेक्ट पर चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद मोहर लग गई है। अब इस प्रोजेक्ट के रास्ते की सारी बाधाएं दूर हो गई है तथा विभागीय स्तर पर अब जल्द ही टेंडर लगाकर काम शुरू हो जाएगा। कुलारा तथा पलंगी गांव में बनने वाले इको टूरिज्म प्रोजेक्ट के कारण पठानकोट के सैकड़ों युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। दूसरी ओर इस प्रोजेक्ट के टेंडर को भी दो भागों में लगाने की प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है। पहले भाग में कुलारा टापू पर टेंडर होंगे जबकि दूसरे भाग में पलंगी को रखा गया है। 74.64 एकड़ जमीन पर बनने वाला ये इको टूरिज्म प्रोजेक्ट राज्य का पहला प्रोजेक्ट होगा जोकि इस क्षेत्र को टूरिज्म के अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर उभार देगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को करीब आठ साल पहले तैयार किया गया था जिस पर अनुमानित 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना थी। करीब दो साल पहले शिवालिक धौलाधार टूरिज्म डवलपमेंट बोर्ड ने जब इस प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा गया था। मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय ने जांच के बाद इंस्पेक्शन रिपोर्ट में कहा कि योजना महज दिखावा मात्र इको टूरिज्म है जबकि असल में इस प्रोजेक्ट में बड़े निर्माण कार्य प्रस्तावित किए गए है। यह प्रोजेक्ट सीधे तौर पर डैम के कैचमेंट एरिया और इको सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। ऐसी सूरत में फारेस्ट कंजर्वेशन एकट के तहत इसी रिजेक्ट कर दिया गया था। कनाडा और अमेरिका की कंपनियां भी दिखा चुकी है रूचि
इस प्रोजेक्ट के लिए ग्लोबल टैड्रिग होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए पहले ही भारतीय होटल ग्रुपों के अलावा कनाडा तथा अमेरिका की कंपनियों भी रूचि दिखा चुकी हैं। इसमें झील के आसपास वाटर स्पोर्ट्स और रिसोर्ट बनाए जाएंगे। करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर कई तरह के होटल, ईको रिसोर्ट, रिहायशी, वाटर स्पोर्ट्स और पार्किग का निर्माण किया जाएगा। इससे जिले के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल पाएगा तथा आसपास बसे सैकड़ों गांवों के लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो पाएंगे। वन विभाग बनाएगा घना जंगल : डीएफओ
डीएफओ डाक्टर संजीव तिवारी ने कहा कि पठानकोट के विधायक अमित विज ने इस प्रोजेक्ट को महत्वपूर्ण निभाते हुए प्रस्ताव पारित करवाया था। इसके बाद से ही वन विभाग ने प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए लगातार कार्य शुरू कर दिया गया था। वहीं दूसरी ओर वन विभाग की जमीन पर बनने जा रहे इस प्रोजेक्ट के बदले विभाग की ओर से नगर निगम की गांव कोठी पंडिता दी में एक्वायर की गई 74.64 एकड़ जमीन के बदले पीआइडीबी निगम को 6 करोड़ रुपये जल्द ही रिलीज कर देगा। इसके बाद वन विभाग के नाम पर इस जमीन की रजिस्ट्री हो जाएगी। इस जगह पर वन विभाग की ओर से एक घना जंगल लगाया जाएगा।