आवारा कुत्तों का आतंक: मनवाल में दस वर्षीय बच्चे सहित चार को काटा
वीरवार को सिविल अस्पताल पठानकोट में टीकाकरण करवाए आए 10 वर्षीय रजत निवासी कोठे मनवाल के पिता रमेश कुमार ने बताया कि वह अपने मां के साथ शौच के लिए गया था कि एक दम से आवारा कुत्ते ने उस पर हमला बोल दिया।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कुत्ते लोगों को लगातार अपना निशाना बना रहे हैं। आमजन में दहशत का माहौल है। वीरवार को पठानकोट से सटे गांव मनवाल में एक आवारा कुत्ते ने दस वर्षीय एक बच्चे को अपना निशाना बनाया। इस दौरान बच्चे की मां ने शोर मचाना शुरू कर दिया जिसके बाद लोग इक्टठा हुए। लोगों के झुंड को देखकर कुत्ता वहां से भाग, नहीं तो बच्चे की हालत और खराब हो सकती थी।
वीरवार को सिविल अस्पताल पठानकोट में टीकाकरण करवाए आए 10 वर्षीय रजत निवासी कोठे मनवाल के पिता रमेश कुमार ने बताया कि वह अपने मां के साथ शौच के लिए गया था कि एक दम से आवारा कुत्ते ने उस पर हमला बोल दिया। बेटे ने कुत्ते से बचने की बड़ी कोशिश की परंतु उसने उस पर दो-तीन बार काट दिया। उसकी मां ने शोर मचाया जिसके वहां पर लोग इक्टठा हो गए। लोगों ने कुत्ते को पत्थर मारकर वहां से भगाया। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते लोग वहां पर न आते तो बच्चे की कुत्ते ने हालत खराब कर देनी थी। इसी प्रकार गांव कोठी के राम लाल (40), सुजानपुर निवासी रिकू (34)व गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वह भी अपने एरिया में चल रहे थे कि कुत्तों ने उन्हें काट लिया। इसके बाद वह टीकाकरण करवाने के लिए सिविल अस्पताल पठानकोट में पहुंचे हैं। लोगों ने बताया कि कुत्ते रोजाना किसी न किसी एरिया में लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। जिला प्रशासन समस्या को गंभीरता से लेते हुए आवारा कुत्तों को पकड़ने की मुहिम को तेज करवाकर समस्या का समाधान करवाए ताकि लोगों के मन में पैदा हो रही दहशत को खत्म किया जा सके।
नलबंदी से कुत्तों की सिर्फ 30 फीसद आक्रमकता होती है कम: डा. खजूरिया
वहीं जिले में आवारा कुत्तों की नलबंदी का प्रोजेक्ट चला रहे कठुआ के के डा. अनुभव खजूरिया का कहना है कि उनकी संस्था द्वारा अभी तक 3700 कुत्तों की नलबंदी की जा चुकी है। टेंडर के मुताबिक उन्हें कुल 4700 आवारा कुत्तों की नलबंदी करनी है। जल्द ही इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि नलबंदी के बाद कुत्तों की अक्रामकता व उनके काटने की आदत में कुछ 30 फीसद की ही कमी आ सकती है। उनक कहना था कि नलबंदी करने का बड़ा लाभ होता है कि इससे आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर लगाम लग जाती है।
आवारा से ज्यादा पालतु कुत्ते काटते हैं: डा. एनके सिंह
उधर, आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक पर निगम का कहना है कि आवारा की तुलना पालतु कुत्ते ज्यादा काटते हैं। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़ने की मुहिम को तेज करवाने के साथ-साथ अगले सप्ताह से निगम की टीम एरिया वाइज जाकर पालतु कुत्ते पालने वालों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहेंगे। नगर निगम के मेडिकल आफिसर डा. एनके सिंह ने बताया कि अभी तक उनके पास आवारा कुत्तों के काटने से घायल हुए किसी व्यक्ति ने कोई शिकायत नहीं की है, बावजूद इसके निगम इसे लेकर पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर लोग पालतू कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते तो उनके चालान काटे जाएंगे। अगर किसी ने सरकारी काम में विघ्न डालने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।