रेरा के फेर में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, शॉपिग कांप्लेक्स की नीलामी अटकी
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट पठानकोट रेरा के फेर में है।
वीरेन पराशर, पठानकोट : इंप्रूवमेंट ट्रस्ट पठानकोट रेरा के फेर में है। रेरा यानी रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम की अनुमति के बाद ही वाल्मीकि शॉपिग कांप्लेक्स की नीलामी हो सकेगी। ट्रस्ट को पहले रेरा से इसकी अनुमति लेनी होगी। ऐसे में कांप्लेक्स की दुकानों को बेचकर 70 करोड़ रुपये जुटाने में थोड़ा इंतजार करना होगा। संपतियों की बिक्री से पहले रेरा की गाइडलाइन का आंकलन किया जा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट प्रबंधन को रेरा से पत्राचार के साथ ही शुल्क आदि भी जमा करवाना होगा, वहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद नीलामी की प्रक्रिया आरंभ हो सकेगी। ट्रस्ट अब सरकारी शर्तों को पूरा करने में जुट गया है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की उम्मीदें शापिग कांप्लेक्स पर टिकी हैं। पिछले सप्ताह ट्रस्ट ने 121 दुकानों के शापिग कांप्लेक्स का शुभारंभ करवाया है। अभी तक इस कांप्लेक्स में 11 दुकानों की बिक्री हो सकी है। इसमें सात बूथ पहले से ही पात्रों को आबंटित किए जा चुके हैं, जबकि 103 अधिक दुकानों की नीलामी होना बाकी है। ट्रस्ट की माने तो दुकानों की बिक्री से करीब 70 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। एकसाथ इतनी बड़ी रकम ट्रस्ट के खजाने में आने से इसकी वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा। ट्रस्ट आने वाले दिनों में शहर के थमे प्रोजेक्ट के साथ ही कई नए कार्यों को भी शुरू करवा सकेंगे।
ट्रस्ट हर काम नियमों से करेगा : विभूति
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन विभूति शर्मा ने कहा है कि सभी कार्य नियमों के तहम होंगे। संपत्तियों की बिक्री को लेकर रेरा से पत्राचार किया गया है। इसकी कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के साथ ही तय शुल्क को जमा करवाया जाएगा। ट्रस्ट अपनी प्रॉपर्टी की सेल गाइडलाइन के तहत ही करना चाहता है, जिससे कि भविष्य में ग्राहकों व प्रबंधन को किसी तरह की दिक्कत न झेलनी पड़ी। सरकार के तय मापदंड को पूरा करने के बाद जल्द ही शॉपिग कांप्लेक्स की दुकानों की नीलामी करवाई जाएगी।
यह है रेरा एक्ट
रेरा (रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम) वर्ष 2016 में लागू किया गया। यह अधिनियम घर खरीदारों के हितों की रक्षा, अचल संपति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने, बिल्डर्स, प्रोमोटर्स और रियल एस्टेट एजेंटों के विरुद्ध शिकायतों में वृद्धि को देखते हुए बनाया गया है। इन शिकायतों में मुख्य रूप से खरीदार के लिए घर कब्जे में देरी, समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भी प्रमोटरों का गैर जिम्मेदारी व्यवहार और अनेक प्रकार की समस्याओं को दूर करना है।