पठानकोट शिफ्ट नहीं किए जाएंगे बहुचर्चित कठुआ मामले के आरोपित
कठुआ मामले में अदालत के समक्ष पंजाब पुलिस ने लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए स्पष्ट कर दिया कि आरोपितों को पठानकोट सब जेल में रखना उचित नहीं होगा।
जेएनएन, पठानकोट। बहुचर्चित कठुआ मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान सातों आरोपितों की सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी को अदालत से बाहर रखा गया। करीब तीन घंटे चली इस सुनवाई के दौरान पीड़ित व बचाव पक्ष के वकीलों ने गत दिवस दी गई दलीलों पर चर्चा की। साथ ही इस मामले की उर्दू से अंग्रेजी में अनुवादित की गई कापियां भी केस की पैरवी कर रहे वकीलों को मुहैया करवाई गई।
अदालत के समक्ष पंजाब पुलिस ने भी लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए स्पष्ट कर दिया कि आरोपितों को पठानकोट सब जेल में रखना उचित नहीं होगा। आज इस मामले पर फिर सुनवाई होगी और 6 जून से चार्ज पर बहस शुरू होगी।
इससे पहले सातों आरोपितों विशाल, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, संजी राम, कांस्टेबल तिलक राज, प्रवेश, एसपीओ सुरिंदर कुमार और दीपक खजूरिया को कड़ी सुरक्षा के बीच कठुआ (जम्मू-कश्मीर) से पठानकोट लाकर दोपहर 1 बजे अदालत में पेश किया गया।
पीड़ित पक्ष के वकील केके पुरी ने बताया कि आरोपितों को पठानकोट सब-जेल में शिफ्ट किए जाने को लेकर की गई अपील के बाद पंजाब पुलिस के डीआइजी ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि आरोपितों को पठानकोट में शिफ्ट किए जाने से लॉ एंड आर्डर की दिक्कत आएगी। अत: सातों आरोपितों को कठुआ से ही पठानकोट कोर्ट परिसर तक लाया जाए।
कड़े पहरे में आरोपितों को पेश करती पुलिस।
इस दौरान आरोपितों को कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान सिक्योरटी इन्फ्रास्टक्चर में काफी बदलाव देखने को मिला। डिफेंस के वकील एके साहनी की ओर से गत दिवस कोर्ट में आवेदन दिया गया था कि बेहद संवेदनशील इस मामले की पैरवी के दौरान 30 से 40 पुलिस कर्मचारी आरोपितों के साथ अदालत में रहते हैं। कैमरा प्रोसीडिंग होने के कारण इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सिक्योरटी में तैनात समस्त सुरक्षा कर्मियों को बाहर रखा।
कोर्ट पर पूर्ण विश्वास, मिलेगा इंसाफ : पीड़िता के पिता
इस प्रकरण में मौत का ग्रास बनी लड़की के परिजन पठानकोट कोर्ट में पेश हुए। लड़की के पिता ने कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूर्ण विश्वास है। वह आशा करते हैं कि उन्हें कोर्ट इंसाफ देगा।
पब्लिक प्रॉसीक्यूटर को पांच वकील करेंगे सहयोग
पीड़ित पक्ष के वकील केके पुरी के अनुसार आरोपित पक्ष के वकील ने आपत्ति उठाई थी कि कोई भी प्राइवेट काउंसिल इस मामले में पेश नहीं हो सकता। इसी के मद्देनजर सोमवार को पब्लिक प्रॉसीक्यूटर को असिस्ट करने के लिए पांच वकीलों जिनमें वह खुद (केके पुरी), मूवीन फारूकी, पंकज तिवारी, विशाल शर्मा और पंकज की ओर से वकालत नामा दायर किए गए हैं। जज की ओर से पीड़ित के परिजनों से इस संबंधी पूछा गया तो उन्होंने हामी भरी है।
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