खट्टर बोले भीष्म पितामह नहीं दिख रहे, एक कार्यकर्ता बोला शूल शैय्या पर पड़े हैं
पार्षद पद के चुनाव में जब ड्यूटी खट्टर की लगी हुई थी तो लोकल नेताओं ने विजय चूनी की टिकट इस आधार पर काटने की वकालत की कि चूनी ने खट्टर जी को कुछ भला-बुरा कहा है। इस पर खट्टर ने स्पष्ट किया कि बुरा-भला उन्हें कहा है,संगठन को तो नहीं। चलो टिकट दे दो। उधर चूनी अपने लोगों को आज पन्द्रह साल पुरानी बात समझाते नजर आए कि किस प्रकार उनकी टिकट काटी जा रही थी और कैसे उन्होंने अपनी मांग को जायज करार दिया था।
श्याम,पठानकोट : रविवार की सुबह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पठानकोट में पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के घर पहुंचे तो भाजपा की राजनीति एक बार फिर से सरगर्म हो गई। पूर्व विधायक अश्वनी शर्मा के घर पहुंचते ही खट्टर ने पार्टी वर्करों से परिचित होना शुरू किया तो इसी बीच वह पंजाब के पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता मास्टर मोहन लाल के बारे में पूछने लगे। उन्होंने अश्वनी शर्मा से सवाल किया-भीष्म पितामह नहीं दिख रहे। उन्हें बुलाया भी था। इससे पहले की अश्वनी शर्मा कोई जवाब देते पीछे से एक भाजपा कार्यकत्र्ता दबी जुबान में बोल पड़े आपके भीष्म पितामह शूल शैय्या पर पड़े हैं। इस कार्यकर्ता के आस-पास बैठे पार्टी के लोग हंस कर चुप हो गए और उधर अश्वनी शर्मा पूर्व मंत्री के उपस्थित नहीं होने पर सफाई देने में जुट गए। अश्वनी ने बताया कि मास्टर मोहन लाल किसी काम से जालंधर गए हुए हैं। पूर्व मंत्री मास्टर मोहन लाल और पठानकोट के पूर्व विधायक अश्वनी शर्मा के बीच पिछले लंबे समय से छत्तीस का आंकड़ा चला आ रहा है। मास्टर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी अश्वनी से इसलिए खफा है कि वह उनके शिष्य होने के बावजूद उनकी टिकट ले उड़े। इसके विपरीत अश्वनी मास्टर से इसलिए सतर्क हैं कि पूर्व मंत्री एक बार फिर अखाड़े में उतर नहीं आएं। इसी द्वंद में दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी चले आ रहे हैं परंतु चुनाव हारने के बाद दोनों की दूरियां काफी कम हो चुकी हैं। यही कारण है कि रविवार को खट्टर ने जब मास्टर को भीष्म पितामह की संज्ञा दी तो अश्वनी समेत उनके समर्थकों ने भी कोई तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। बावजूद इसके मास्टर मोहन लाल के समर्थक अभी इसी ऊहा-पोह में हैं कि वह आगे आ भी पाते हैं या नहीं। सुबह-सुबह शुरू हुई इस रोचक नोक-झोंक में अश्वनी ने मौका संभाला और सामने बैठे पार्षद विजय चूनी की ओर इशारा करते हुए पूछ लिया खट्टर जी आप इन्हें तो जानते ही होंगे। खट्टर ने विजय की ओर ध्यान से देखा और तुरंत बोल उठे पन्द्रह साल पुराने विजय जी। इतना सुनते ही पन्द्रह साल पुरानी खट्टर-विजय चूनी नोक-झोंक के गवाह खुसर-फुसर करने में जुट पड़े। विजय चूनी ने खट्टर को नमस्ते की और अश्वनी शर्मा उनका परिचय किसी अन्य नेता से करवाने लगे। बावजूद इसके पूर्व विधायक की छत पर बैठे पार्टी वर्कर इसी चर्चा में शामिल रहे कि पन्द्रह साल पहले आखिर हुआ क्या था। तभी यह बात साफ हुई कि पार्षद पद के चुनाव में जब ड्यूटी खट्टर की लगी हुई थी तो लोकल नेताओं ने विजय चूनी की टिकट इस आधार पर काटने की वकालत की कि चूनी ने खट्टर जी को कुछ भला-बुरा कहा है। इस पर खट्टर ने स्पष्ट किया कि बुरा-भला उन्हें कहा है, संगठन को तो नहीं। चलो टिकट दे दो। उधर चूनी अपने लोगों को आज पन्द्रह साल पुरानी बात समझाते नजर आए कि किस प्रकार उनकी टिकट काटी जा रही थी और कैसे उन्होंने अपनी मांग को जायज करार दिया था। खट्टर से की मेयर, विधायक और भाजपा नेताओं ने मुलाकात
पठानकोट में पूर्व विधायक अश्वनी शर्मा के घर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को नगर निगम के मेयर अनिल वासुदेवा, सुजानपुर के विधायक दिनेश ठाकुर, पूर्व विधायक अश्वनी शर्मा के अतिरिक्त जिला भाजपाध्यक्ष अनिल रामपाल, महामंत्री विपिन महाजन एवं राकेश शर्मा, पीपीएससी के सदस्य प्रिंसिपल समरेन्द्र शर्मा, जिला प्ला¨नग कमेटी के पूर्व चेयरमैन सतीश महाजन के अतिरिक्त भाजपा के लगभग बीस पार्षदों सहित विभिन्न नेताओं से मुलाकात की। अपनी मुलाकात में खट्टर ने भाजपा पदाधिकारियों से स्पष्ट किया कि वह पार्टी को सभी सदस्यों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैँ अत एक पारिवारिक सदस्य के नाते ही यहां आए हैं। बाद में वह पूर्व विधायक अश्वनी शर्मा के बड़े भाई राम प्रसाद से मिलने के लिएउनके घर के एक कमरे में गए।