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सरना मंडी में पहुंचा 300 क्विंटल गेहूं, खरीदार नहीं

जिला पठानकोट की सबसे बड़ी दाना मंडी सरना मे गेहूं की आमद शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 12:21 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 12:21 AM (IST)
सरना मंडी में पहुंचा 300 क्विंटल गेहूं, खरीदार नहीं

राजेश सेठ, नरोट मेहरा

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जिला पठानकोट की सबसे बड़ी दाना मंडी सरना मे गेहूं की आमद शुरू हो गई है। सोमवार को पहले दिन दो किसानों की ओर से 300 क्विंटल गेहूं मंडी में खुले आसमान के नीचे स्टोर किया। लेकिन, मंडी में कोई भी खरीददार नहीं पहुंचा। मंडी कच्ची होने के कारण हर वर्ष यहां गेहूं बेचने आने वाले किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दाना मंडी को पक्का करवाने के लिए पिछले लंबे समय से आड़ती यूनियन इसे पक्का करवाने के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन, सरकार की ओर से हर वर्ष उन्हें पक्का करवाने की बात का आश्वासन देकर चुप करा दिया जाता है।

मंडी में पहले दिन गेहूं लेकर पहुंचे जमींदार जसवंत सिंह निवासी मुकीमपुर ने बताया कि फसल पकने के बाद प्रत्येक जमींदार द्वारा फसल मंडी में लाई जाती है। जिसके तहत आज वह अपने गेहूं की फसल सरना दाना मंडी में लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह तो अपनी फसल लेकर मंडी पहुंच गए हैं लेकिन जहां कोई भी सरकारी अधिकारी ना होने के चलते और आढ़तियों के पास बारदाना ना होने के कारण उन की फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार को आढ़तियों की समस्याओं के प्रति भी पूरा ध्यान देना चाहिए। मंडी पक्का होने से यहां किसानों को अपनी फसल खराब होने का डर नहीं रहेगा, वहीं आढ़तियों को भी भारी राहत मिलेगी।

आढ़ती शर्मा ट्रेडिग कंपनी, किसान इंटरप्राइजेज, बाजवा कमीशन एजेंट, संजीव कमीशन एजेंट ,रघुवंशी कमीशन एजेंट, कॉटल ट्रेडिग कंपनी, ईशान ट्रेडिग कंपनी, सुरेंद्र ट्रेडिग कंपनी, संधू ट्रेडिग कंपनी, एस.के.ट्रेडिग कंपनी, महाल ट्रेडिग कंपनी, चड्डा ट्रेडिग कंपनी, काहलो ट्रेडिग कंपनी, ठाकुर ट्रेडिग कंपनी, रोहित एंड प्रदीप ट्रेडिग कंपनी, बाजवा ट्रेडिग कंपनी ने संयुक्त रुप में बताया कि किसानों और आढतियों कि 20-25 वर्ष से जिले की सबसे बड़ी मंडी सरना को पक्का करवाने की मांग लगातार लटकती आ रही है। जबकि इस मंडी से सरकार को हर फसल पर हजारों लाखों रुपए का मुनाफा होता है। इतनी ही नहीं 6फीसद फीस मार्केट कमेटी को भी जाती है परंतु बावजूद उसके मंडी को पक्का नहीं किया जा रहा।उन्होंने बताया कि नजदीक 2 गांव की पंचायतें राजपुरुरा और नरोट मेहरा के पास पंचायती जमीन है। यहां पर मंडी को शिफ्ट किया जा सकता है और मंडी को पक्का भी करवाया जा सकता है।


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