फोटो खींच आंखों की समस्या के बारे में बताएगी फंड्स कैमरा मशीन
सिविल अस्पताल पठानकोट में आधुनिक सुविधा से लैस फंड्स कैमरा मशीन सेहत विभाग ने भेजी है।
सूरज प्रकाश, पठानकोट
सिविल अस्पताल पठानकोट में आधुनिक सुविधा से लैस फंड्स कैमरा मशीन सेहत विभाग ने भेजी है। इस मशीन का मरीजों के लिए खास बात यह रहेगी कि समय पर आंख में उखड़े पर्दे बारे बताया जाएगा। अस्पताल में मरीज जब अपना चेकअप करवाने के लिए आते थे तो उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती थी। इस वजह से लोगों को प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर तो काटने ही पड़ते, जबकि आंख के पर्दे की जांच के लिए भारी दाम भी चुकाने पड़ते थे। अब मरीजों के लिए यह मशीन वरदान साबित होगी। क्योंकि एक तो मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, दूसरा अस्पताल में इस मशीन के जरिए निश्शुल्क जांच होगी।
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सात लाख रुपये ये लगवाई गई मशीन
फंड्स कैमरा मशीन की लागत करीब सात लाख बताई जा रही है। यह मशीन मरीज के आंख के उखड़ चुके पर्दे की फोटो खींच बताएगी कि आंख का पर्दा कितना उखड़ चुका है और कितनी देरी तक मरीज को आपरेशन करवाने की जरूरत है। अगर मरीज की हालत काफी गंभीर होती है तो डाक्टर उसे रिपोर्ट के हिसाब से दूसरे हेल्थ सेंटर शिफ्ट कर देंगे।
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आंखों की समस्या से रोजाना 15 मरीज पहुंच रहे
अस्पताल में आंखों की समस्या से पीड़ित रोजाना पंद्रह के करीब लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। सफेद मोतिया के पांच, काला मोतिया के तीन, दो आंख के उखड़े पर्दे से पीड़ित और बाकी रूटीन वाइज आंखों के चेकअप वाले मरीज आ रहे है। एक माह इन मरीजों की संख्या 300 से ऊपर पहुंच रही है।
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काला मोतिया व सफेद मोतिया के मरीज बढ़े
कोरोना संकट में जो शूगर व बीपी के मरीज हैं उनमे काला मोतिया व सफेद मोतिया की समस्या बढ़ी है। इस समस्या का आपरेशन अस्पताल में चल रहा है। आंखों के माहिर डाक्टर रमेश डोगरा ने बताया कि अगर किसी को भी शूगर व बीपी की समस्या है तो उसे अपनी आंखों की नियमित तौर पर जांच करवानी चाहिए।
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सिविल अस्पताल में में आंखों के सभी आपरेशन निश्शुल्क
सिविल अस्पताल में सफेद मोतिया, काला मोतिया, नखूना, आंखों के टेडापन, आंखों में रसौली जैसे आपरेशन निश्शुल्क होते हैं। इसमें मरीज को सिर्फ अपनी दवाओं का ही खर्च करना पड़ता है। अस्पताल में अभी तक पर्दे के आपरेशन की सुविधा नहीं हो पाई। सिर्फ पर्दे की जांच के लिए फंडस मशीन विभाग द्वारा भेजी गई है। अगर मरीज अपना किसी दूसरे सरकारी अस्पताल में अपनी आंख के पर्दे का आपरेशन करवाता है तो उसका दस हजार के करीब खर्च आता है।
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प्राइवेट वाले आंख के पर्दे के 60 हजार वसूल रहे
आंख के पर्दे वाले मरीजों से प्राइवेट अस्पताल वाले एक व्यक्ति का 60 हजार के करीब चार्ज करते है। जबकि सफेद मोतिया के आपरेशन के दस हजार, काला मोतिया आपरेशन के तीन हजार रुपये चार्ज करते है, जो गरीब व्यक्ति को मजबूरी में चुकाने ही पड़ते है।
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आंखों की समस्या के लक्षण
-आंखों और सिर में तेज दर्द होना।
-नजर कमजोर होना या धुंधला दिखाई देना।
-आंखे लाल होना
-रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखाई देना।
-एलर्जी।
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ऐसे करें बचाव
-धूम्रपान न करें।
-वार्षिक नेत्र परीक्षण करवाएं।
-पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
-आंखों को हानिकारक यूवी लाइट से बचाएं।
-अधिक देर तक कांटेक्ट लैंस न लगाए रखें।
-. आंखों में कोई भी ड्राप बिना डाक्टर की सलाह के न डालें।
-मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच के लिए नियमित रूप से शारीरिक परीक्षण करवाएं।