बीएसएनएल से एक दिन में 171 कर्मचारी विदा
शुक्रवार का दिन बीएसएनएल के लिए कड़वी यादों भरा रहेगा। क्योंकि बीएसएनएल पठानकोट में एक दिन में 171 कर्मचारियों की विदाई एकसाथ हुई। एकसाथ 162 कर्मचारियों को वीआरएस मिल गई। बीएसएनएल को घाटे से उबारने के लिए वीआरएस योजना के कारण अब निगम के पास आधे कर्मचारी रह गए हैं। 31 जनवरी को लंबे सेवाकाल के बाद कर्मचारियों - अधिकारियों के चेहरे पर घर जाने की न तो खुशी थी और न ही सेवानिवृति वाला उत्साह। सरकार की योजना से कर्मचारियों के अपना सेवाकाल पूरा करने के अरमान भी अधूरे रह गए। पर अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि साढ़े 5 लाख उपभोक्ताओं को बीएसएनएल के चुनिदा कर्मचारी कैसे संभालेंगे। पहले से ही डांवाडोल सेवाएं अब बिना कर्मियों के पटरी पर आ सकेंगी यह बात हर किसी के जहन में है।
जागरण टीम, पठानकोट/मलिकपुर : शुक्रवार का दिन बीएसएनएल के लिए कड़वी यादों भरा रहेगा। बीएसएनएल पठानकोट में एक दिन में 171 कर्मचारियों की विदाई एकसाथ हुई। 162 कर्मचारियों को वीआरएस मिल गई। बीएसएनएल को घाटे से उबारने के लिए वीआरएस योजना के कारण अब निगम के पास आधे कर्मचारी रह गए हैं। 31 जनवरी को लंबे सेवाकाल के बाद कर्मचारियों-अधिकारियों के चेहरे पर घर जाने की न तो खुशी थी और न ही सेवानिवृति वाला उत्साह। सरकार की योजना से कर्मचारियों के अपना सेवाकाल पूरा करने के अरमान भी अधूरे रह गए। पर अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि साढ़े पांच लाख उपभोक्ताओं को बीएसएनएल के चुनिदा कर्मचारी कैसे संभालेंगे। पहले से ही डांवाडोल सेवाएं अब बिना कर्मियों के पटरी पर आ सकेंगी, यह बात हर किसी के जहन में है।
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- 5.50 लाख उपभोक्ता हैं एरिया के अधीन
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- 234 रह गए
- 171 कह गए अलविदा
- 162 को मिली वीआरएस
- 9 की रिटायरमेंट
- 30 कर्मी कुछ महीनों मेम होंगे सेवानिवृत
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ये पद खाली हैं
- जेई
- एसडीओ
- एक्सईएन
- डीजीएम
निगम के पास कर्मचारियों की बेहद कमी हो गई है। सबसे अधिक पद लाइनमैन के खाली हुए हैं। अब इनकी सेवाएं लेने के लिए आउटसोर्सेज की मदद ले रहे हैं, इसके लिए टेंडर भी जारी हो गए हैं।
हेमंत कुमार महे, महाप्रबंधक, बीएसएनएल