ट्रैफिक जाम: दिन में चौदह बार एक साथ बंद होते हैं शहर के सात फाटक, एलिवेटेड रेलवे लाइन फाइलों मे, आरयूबी की सिर्फ बातें ही चल रही
शहर के बीचो-बीच से गुजरने वाली नैरोगेज रेल लाइन से ट्रेन गुजरने से पहले एक साथ सात फाटकों को दस मिनट पहले बंद कर दिया जाता है। चौबीस घंटे में ऐसा दस 14 बार होता है। इस हिसाब दिन में करीब चार घंटे तक ये फाटक बंद रहते हैं।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : नैरोगेज रेलवे लाइन पर शहर के सात फाटक एक साथ बंद होने के कारण से एपीके रोड पर जाम लगने का सिलसिला लगातार जारी है। करीब छह किलोमीटर एलिवेटेड रेलवे लाइन के वादे पर अब आरयूबी बनाने की बात चल रही है, लेकिन कशमकश अभी भी जारी है। दोनों में से कोई भी काम अब तक सिरे नहीं चढ़ पाया है। दूसरी तरफ एक साथ सात फाटक बंद होने के कारण एपीके रोड पर हर रोज जाम लग रहा है। यहां रोज सैकड़ों वाहन रेंगते हुए नजर आते हैं। सिर्फ एपीके रोड पर ही चार फाटक पड़ते हैं जोकि लाइट वाले चौक, काली माता मंदिर चौक, मिशन रोड चौक, अजय महाजन अस्पताल के पास और पुरानी कचहरी एपीके रोड पर स्थित है। जब भी ट्रेन गुजरती है तो इन फाटकों की वजह से पूरे रोड पर ट्रैफिक बढ़ जाता है।
गौर हो कि शहर के बीचो-बीच से गुजरने वाली नैरोगेज रेल लाइन से ट्रेन गुजरने से पहले एक साथ सात फाटकों को दस मिनट पहले बंद कर दिया जाता है। चौबीस घंटे में ऐसा दस 14 बार होता है। इस हिसाब दिन में करीब चार घंटे तक ये फाटक बंद रहते हैं। रात के वक्त ट्रेनें गुजरने से तो जाम की स्थिति उतनी पैदा नहीं होती, लेकिन दोपहर के वक्त ट्रेनें गुजरते के दौरान फाटक बंद होने पर शहर दो भागों में बंट जाता है। डेढ़ साल पहले भी एलिवेटेड पर कांग्रेस-भाजपा में हुई थी क्रेडिट वार
जनवरी 2020 में भी नैरोगेज को एलिवेटेड में तबदील करने का मामला सूर्खियों में खूब आया था। उस समय भाजपा नेता जहां नैरोगेज को एलिवेटिड में तबदील करवाने का श्रेय सांसद सन्नी देओल को दे रहे थे, वहीं जिला प्लानिग बोर्ड के चेयरमैन अनिल दारा व वरिष्ठ कांग्रेस नेता विभूति शर्मा ने ट्रस्ट कार्यालय में मीटिग कर उसका सारा श्रेय पूर्व सासंद सुनील जाखड़ व विधायक को दिया था। जिला प्लानिग बोर्ड चेयरमैन अनिल दारा व नगर सुधार ट्रस्ट चेयरमैन विभूति शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा था कि वर्ष 2017 में पठानकोट के विधायक ने नैरोगेज रेलवे लाइन को एलिवेटिड में तबदील करने के लिए प्रयास किया। दिसंबर 2017 को उन्होंने चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी व फिरोजपुर रेल मंडल को शहर के बीचो-बीच गुजरने वाली नैरोगेज रेलवे लाइन को एलिवेटेड में तबदील करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि शहर की चिरलंबित समस्या का समाधान करवाने का सारा श्रेय कांग्रेस को जाता है भाजपाई उंगली पर लहू लगाकर शहीद होने की बात कर रहे हैं जो शहरवासी जानते है। 230 करोड़ का है एलिवेटेड रेल लाइन का प्रोजेक्ट
रेल प्रशासन पठानकोट-जोगिदर नगर (नैरोगेज लाइन) रेल सेक्शन के बीच पड़ते डलहौजी रोड पर लगभग चार किलोमीटर लंबी एलिवेटेड लाइन (पिलरों के ऊपर) का निर्माण करने जा रहा है। एलिवेटेड लाइन बनने के बाद पठानकोट रेलवे स्टेशन से डलहौजी रोड तक ट्रेन पिलरों पर चलेगी, उसके बाद यह जमीन पर बिछी रेल पटरी पर आ जाएगी। उक्त प्रोजेक्ट पर 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें आधी राशि राज्य सरकार और आधी राशि रेल मंत्रालय वहन करेगा। 164 किलोमीटर है जोगिद्रनगर नैरोगेज रेल सेक्शन
पठानकोट-जोगिदर नगर सेक्शन के बीच लगभग 164 किलोमीटर लंबी नैरोगेज लाइन है। इस पर छोटी ट्रेनें चलती है। उक्त सेक्शन के बीच डलहौजी रोड है। वहां छह रेलवे क्रासिग फाटक हैं। जब यहां से ट्रेन गुजरती है तो काफी देर तक रोड पर वाहनों का जाम लग जाता है। इस कारण लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। उक्त छह रेलवे क्रासिग फाटक खत्म करने के लिए वर्ष 2016 में तत्कालीन सांसद विनोद खन्ना ने रेलवे बोर्ड के मेंबर इंजीनियर वीके गुप्ता के पास प्रस्ताव रखा था कि यहां पर एलिवेटेड लाइन (पिलरों के ऊपर) स्थापित की जाए ताकि रोड पर जाम न लगे।