जालंधर-अमृतसर रुट पर दौड़ेगी 30 इलेक्ट्रिक बसें
इलेक्ट्रिक ट्रेनों की तरह अब पठानकोट से जालंधर और अमृतसर रूट पर इलेक्ट्रिक बसें जल्द दौड़ती नजर आएंगी।
विनोद कुमार, पठानकोट : इलेक्ट्रिक ट्रेनों की तरह अब पठानकोट से जालंधर और अमृतसर रूट पर इलेक्ट्रिक बसें जल्द दौड़ती नजर आएंगी। केंद्र सरकार की फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफेक्चरिग ऑफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल इन इंडिया) स्कीम के दूसरे फेज के तहत पंजाब में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य घनी आबादी वाले शहरों में लगातार बढ़ते प्रदूषण को कम करना है। किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बस खरीदने वाले मालिक को सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी ताकि मिशन को कामयाब बनाने के लिए अधिक से अधिक ट्रांसपोर्टर सामने आएं। विगत माह डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्टर ने इस मसले पर चंडीगढ़ में आयोजित मीटिग के दौरान इस पर पठानकोट, जालंधर-1, लुधियाना व अमृतसर के जनरल मैनेजर को डिमांड भेजने के लिए कहा है। पठानकोट डिपो की ओर से 30 बसों की डिमांड भेज दी गई है।
देश में लगातार बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने रेलवे की भांति रोड़ ट्रांसपोर्ट को भी इलेक्ट्रिक योजना में बदलने पर काम शुरु कर दिया है। केंद्र सरकार की फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफेक्चरिग आफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीक्लस इन इंडिया) के तहत पंजाब में भी आने वाले कुछ वर्षों में डीजल से चलने वाली सरकारी बसों को इलेक्ट्रिक में तबदील कर दिया जाएगा। फिलहाल, पहले फेज में पठानकोट सहित चार बड़े शहरों को इसके लिए प्रपोज किया है। बसों के संचालन के लिए पंजाब रोडवेज मुख्यालय ने प्रक्रिया शुरु कर दी है। इतना ही नहीं फेम इंडिया स्कीम भाग-2 के तहत देश भर में 7 हजार इलेक्ट्रिक बसें आप्रेशनल कास्ट मॉडल पर चलाने की कवायद शुरू हो गई है, जिसे राज्य अथवा सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन अपना सकती है। शहरों की जनसंख्या के आधार पर ही न्यूनतम बसों की संख्या आधारित होगी। टाइम टेबल सैट करने में जुटे अधिकारी
- डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट को तीस बसों की डिमांड भेजने के बाद स्थानीय स्तर पर टाइम टेबल सेट करने की तैयारी शुरु हो गई है। डिपो की ओर से वर्तमान में अमृतसर के लिए 25 बसें चलाई जा रही हैं जबकि, जालंधर रूट पर 20 बसें। डिमांड के अनुसार अमृतसर रुट पर 20 ओर जालंधर रूट पर 10 बसें भेजी जानी है। अमृतसर ओर जालंधर रूट पर जो बसें चल रही हैं उनकी कंडीशन काफी ठीक है। इलेक्ट्रिक बसें आने के बाद इन सभी बसों को लोकल रूट जैसे की कठुआ, बसोहली, घरोटा, दुनेरा आदि रूट पर चलाकर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएगी। इलेक्ट्रिक बसें आने के बाद यकीनन प्रदूषण का दबाव कम होगा जिससे वातावरण तो ठीक होगा ही साथ ही साथ ट्रांसपोर्टरों को भी राहत मिलेगी। डीजल की उपेक्षा इलेक्ट्रिक बस सुविधा सस्ती रहेगी।
किलोमीटर स्कीम के तहत चलेंगी बसें
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में चलाई जाने वाली नई इलेक्ट्रिक बसों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। पहले फेज में स्टैंडर्ड की लंबाई 10 से 12 मीटर की होगी। जबकि, मिनी बस की लंबाई 8 से दस मीटर की होगी। स्टैंडर्ड बसों को हाइवे पर चलाया जाएगा जबकि मिनी बसों को आने वाले समय में सिटी में चलाए जाने का प्रावधान रखा गया है। यह सरकारी बस नहीं बल्कि किलोमीटर स्कीम के तहत चलेंगी जैसे कि वर्तमान में रोडवेज के अंदर किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चल रही है। इसमें विशेष बात यह रहेगी कि उक्त बस मालिक को लगभग 40 फीसद सब्सिडी मिलेगी। बस को प्रतिदिन पहले से ही निर्धारित न्यूनतम किलोमीटर तय करने अनिवार्य होंगे। अमृतसर 20 और जालंधर के लिए चलेंगी 10 इलेक्ट्रिक बसें
पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो के जनरल मैनेजर सरदार इंद्रजीत सिंह चावला ने बताया कि पिछले महीने चंडीगढ़ में डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट ने मीटिग के दौरान पठानकोट सहित चार अन्य डिपो से इलेक्ट्रिक बसों के लिए ब्योरा मांगा था। पठानकोट की ओर से तीस बसों की डिमांड भेजी गई है। भेजी गई डिमांड के अनुसार डिपो पठानकोट से अमृतसर के लिए 20 और जालंधर के लिए 10 बसें चलाएगा।