एजुकेशन सचिव ने सरकारी स्कूल के बच्चे को पूछा.. वट इज योर एम, बच्चा बोला .. मरीन इंजीनियर.. सचिव ने पीठ थपथपाई
तीन से अधिक औचक दौरे कर चुके शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार का पठानकोट दौरा मंगलवार को भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, पठानकोट: पठानकोट के सरकारी स्कूलों में नतीजों को शत प्रतिशत बनाने के लिए तथा शिक्षा के स्तर को उंचा उठाने के लिए लगातार प्रयासरत शिक्षा विभाग की ओर से काम किया जा रहा है। विगत तीन माह में करीब तीन से अधिक औचक दौरे कर चुके शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार का पठानकोट दौरा मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरे के दौरान उनकी ओर से जब सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल घोह का दौरा किया गया तथा विद्यार्थियों के साथ अंग्रेजी विषय में बात की गई तो वह हतप्रभ रह गए। स्कूल में आते ही वह सीधे छठी कक्षा में गए तथा वहां विद्यार्थियों का आई क्यू जांचने के लिए उनसे अंग्रेजी में बातचीत शुरू की। इसी दौरान जैसे ही उनकी ओर से एक बच्चे से अंग्रेजी में सवाल करते समय पूछा गया कि वट इज ऐम इन यूअर लाइफ तो आगे से विद्यार्थी ने तपाक से उत्तर दिया मैरिन इंजीनियर.. ये सवाल सुन कर शिक्षा सचिव ने बच्चे को जोर से अपनी छाती के साथ लगाकर उसे आशीर्वाद दिया तथा स्कूल के प्रिसिपल की भी प्रशंसा की। उन्होंने प्रिसिपल तथा स्टाफ के साथ करीब 15 मिनट बिताए तथा कहा कि इस साल वह पठानकोट के सरकारी स्कूलों का नतीजा शत प्रतिशत चाहते हैं तथा उन्हें विश्वास है कि क्षेत्र के अध्यापकगण इस उपलब्धि को हर हाल में प्राप्त कर लेंगे। उनकी ओर से अध्यापक गणों को लांच की गई फिट गुरू एप संबंधी भी बताया गया तथा कहा कि यदि गुरू स्वस्थ्य होगा तभी वह अपने विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा दे पाएगा। साढ़े ग्यारह बजे वह गुरदासपुर में तीन हजार से अधिक अध्यापकों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए।
अर्ध पहाड़ी क्षेत्र में लिया चाय की चुस्कियों का स्वाद
पठानकोट के नंगल भूर, घो तथा भब्बर के स्कूलों का दौरा करने के बाद शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने अर्ध पहाड़ी क्षेत्र के अत्यंत दुर्गम मार्गों पर स्थित सरकारी मिडल स्कूल भादन तथा दरंगखडड की भी जांच की। इस जांच के दौरान उनकी ओर से स्कूल स्टाफ के साथ मीटिग की तथा उन्हें बच्चों को पढ़ाने के टिप्स भी दिए। वापसी के दौरान जब शिक्षा सचिव गांव दरंगखड्ड मार्ग पर स्थित एक चाय की छोटी सी दुकान पर बैठ कर चाय की चुस्कियों का स्वाद ले रहे थे तो इसी दौरान उनसे दैनिक जागरण की टीम ने
स्कूल में बैठ कर चाय पीने की बजाए, दुकान के बाहर बैठ कर चाय पीने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि किसी भी स्कूल मुखी को कोई
परेशानी उठानी पड़े। चाय-पान में जो 30 घंटा टूटेगा, इसी दौरान स्कूल मुखी बच्चों को शिक्षा दे तो बढि़या है। शिक्षा सचिव ने विश्वास जताया कि इस बार पठानकोट की बोर्ड की कक्षाओं के नतीजे बेहतरीन होंगे। समूह अध्यापकगण लगातार मेहनत करने में लगे हुए हैं।