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एनएमसी के विरोध में सौ अस्पतालों की ओपीडी रही ठप

नेशनल मेडिकल कौंसिल बिल 2019 के विरोध में बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सेवाएं बंद रखी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 06:31 AM (IST)
एनएमसी के विरोध में सौ अस्पतालों की ओपीडी रही ठप

संवाद सहयोगी, पठानकोट : नेशनल मेडिकल कौंसिल बिल 2019 के विरोध में बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सेवाएं बंद रखी। तीन सौ से अधिक डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से एक सौ से अधिक अस्पतालों में मरीजों की ओपीडी नहीं हो सकी। मरीजों को वीरवार अस्पतालों में आकर चेकअप करवाने की सलाह दी। हालांकि एमरजेंसी सेवाएं खुली रही और रोगियों को दाखिल भी किया गया। रूटीन चेकअप के सभी मरीजों को वापस भेज दिया गया। ओपीडी न होने के कारण मरीजों को सिविल अस्पतालों पर आश्रित होना पड़ा। दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य पटेल चौक पर एकत्रित हुए। वहां से डीसी रामवीर के नाम एक मांगपत्र देने के लिए रवाना हुए। डीसी, एडीसी तथा एसडीएम के कार्यालय में न मिलने के बाद उनकी ओर से सरकार के नाम इस मांग पत्र को तहसीलदार को सौंपा गया। इसके बाद दिन भर एक भी मरीज का ओपीडी चेकअप नहीं किया गया।

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एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर विशाल गोयल ने चेताया कि हड़ताल एनएमसी के विरोध में है। सरकार की ओर से डाक्टरी पेशे को गर्त में धकेलने की ओर ले जाया जा रहा है। मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया (एमसीआइ) को भंग करके सरकार की ओर से नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) लाया जा रहा है जिससे डाक्टर पेशे में बेहद गिरावट आ जाएगी। इस बिल के कारण मेडिकल एजुकेशन बेहद कीमती हो जाएगी तथा इस पेशे पर सरकार का पूरी तरह से नियंत्रित हो जाएगा। साथ ही साथ कम पढ़े लिखे लोगों को भी ब्रिज कोर्स करवाकर अथवा कम्युनिटी हेल्थ वर्कर बनाकर उनसे डाक्टरी सेवाएं ली जाएगी। ऐसे में कम शिक्षित लोगों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगी। यदि सरकार की ओर से इस बिल को तुरंत प्रभाव से न रोका गया तो आइएमए प्राइवेट अस्पतालों में एमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर देगी जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी। मांगों को न माना गया तो हड़ताल में ओपीडी के साथ इमरजेंसी को भी बंद कर दिया जाएगा।

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100 से अधिक आपरेशन वीरवार तक टले

इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन पठानकोट के डाक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण दिन भर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित रही। प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी पूरी तरह से बंद रखी गई तथा तेज बरसात के कारण लोगों को परेशान होते देखा गया। सर्जन डॉक्टर के भी सुबह से ही हड़ताल पर होने के कारण मरीजों के आपरेशन तक नहीं हो पाए। इन आपरेशन को वीरवार तक टाल दिया गया, जहां तक की अस्पतालों में पहले से आपरेशन करवा चुके अथवा अन्य बीमारियों से पीड़ित दाखिल मरीजों को भी डाक्टरों के हड़ताल पर होने के कारण डिस्चार्ज तक नहीं किया गया। मरीजों तथा उनके परिवार जनों को इस कारण भी बेहद परेशानियां झेलनी पड़ी।


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