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अब दिव्यांग बच्चों को मिलेगी 12वीं तक मुफ्त शिक्षा

जिला भर के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे दिव्यांग बच्चों को अब नौंवी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई के दौरान कोई पैसा नहीं होना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 11:02 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 11:02 PM (IST)
अब दिव्यांग बच्चों को मिलेगी 12वीं तक मुफ्त शिक्षा
अब दिव्यांग बच्चों को मिलेगी 12वीं तक मुफ्त शिक्षा

संस, पठानकोट : जिला भर के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे दिव्यांग बच्चों को अब नौंवी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई के दौरान कोई पैसा नहीं होना होगा। 18 साल तक के विद्यार्थी से यदि कोई स्कूल फीस की डिमांड करता है अथवा दाखिला देने में आनाकानी करता है तो ऐसे स्कूलों पर कानूनी कार्यवाई होगी। विभाग ने इसके लिये पत्र कर निर्देश दिये गये हैं। पत्र में लिखा गया है कि विलक्षण प्रतिभा वाले दिव्यांग बच्चों को दाखिला देते समय कई स्कूल मुखियों की ओर से इनमें दाखिला फीस एवं अन्य फंड का हवाला देकर फीस वसूली जा रही है। कई बार तो विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दिया जाता तथा उन्हें यह कह कर वापस भेज दिया जाता है कि उनके पास इन बच्चों को पढ़ाने के लिये अध्यापक तक नहीं है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशानुसार समूह स्कूल मुखियों को ये भी हिदायतें है कि राइट आफ पर्सन विद डिसएबिलिटी एक्ट 2016 के अनुसार दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में दी जाने वाली सविधाओं का ब्योरा हर हाल में स्कूल के बाहर डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज किया जाए।

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पहली कक्षा से 8वीं तक बच्चों को फेल न करने की नीति पर करते हैं दाखिल-

जिला भर के सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल स्पेशल बच्चों को पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक दाखिला दे कर उनसे फंड एवं फीसों के रूप में कुछ न कुछ वसूल करते रहते हैं। उनकी ओर से इन बच्चों को इसलिये भी अपने स्कूल में दाखिल दे दिया जाता है चूंकि सर्वशिक्षा विभाग की नीति के तहत पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को फेल करने का प्रावधान नहीं है। परन्तु नौंवी कक्षा के बाद स्कूल के नतीजे खराब न हों,ऐसे में वह इन बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी करना शुरू कर देते हैं।

स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिए आठ स्कूल

जानकारी के अनुसार पठानकोट में स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिये वर्तमान समय में आठ स्कूल चल रहे हैं। इन स्कूलों में आठ सौ से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। बच्चों के अनुपात से कहीं कम इन अध्यापकों के कारण अकसर ही इन बच्चों को शिक्षा संबंधी ट्रे¨नग तथा टिप्स देने में भी कई तरह की दिक्कतें रहती है। जिला भर में अधिकतर स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को पढ़ाने के लिये सर्व शिक्षा अभियान के तहत रिसोर्स रूम चल रहे हैं। इन रिसोर्स रूम में ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

स्पेशल बच्चों को दाखिला न देना कानूनन जुर्म : विकास गुप्ता

रैडक्रास स्कूल फॉर ब्लाइंड पठानकोट के इंचार्ज विकास गुप्ता का कहना है कि किसी भी दिव्यांग विद्यार्थी को स्कूल में दाखिला देने से रोकना अथवा दाखिला न देना कानूनन जुर्म है। शिक्षा विभाग के ध्यान में आया है कि विलक्षण प्रतिभा वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को कुछेक स्कूल मात्र इस बात का बहाना बनाकर दाखिला नहीं देते, चूंकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में अध्यापक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जारी हुये इस पत्र के बाद अब इस बात पर खासा निगाह रखी जा सकेगी। यदि कोई ऐसा स्कूल पाया गया तो उस संबंधी विभागीय अधिकारियों को भी लिखा जायेगा।


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