सावन माह की शिवरात्रि पर झटपट बनी में श्रदालुओं ने लिया भोलेनाथ का आशीर्वाद
प्रचीन शिवाला मंदिर झटपट बनी कटारूचक में सावन माह की शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर कच्ची लस्सी बेल बूटी के साथ डाल कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
संवाद सहयोगी, घरोटा : प्रचीन शिवाला मंदिर झटपट बनी कटारूचक में सावन माह की शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर कच्ची लस्सी बेल बूटी के साथ डाल कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर के महंत योगी शंकर नाथ ने बताया कि प्रत्येक वर्ष मंदिर के प्रांगण में सावन महीने की शिवरात्रि मनाई जाती है। वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन और फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। सावन के पूरे महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है। जब उस माह में शिवरात्रि आती है इस तिथि का महत्व काफी बढ़ जाता है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। आम दिनों के मुकाबले सावन महीने की शिवरात्रि पर जल चढ़ाने से भगवान शिव ज्यादा प्रसन्न होते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि इस मंदिर का भी इतिहास अनोखा है और जोगी झटपट नाथ के नाम से प्रसिद्ध ऐसे मंदिर के साथ श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है।जिसके चलते पंजाब हिमाचल जम्मू कश्मीर से श्रद्धालु जहां पर आते हैं लेकिन इन दिनों कोविड-19 महामारी के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं का आना काम है। लेकिन आस्था का प्रतीक यह मंदिर मे फिर भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और अपनी मनोकामनाओं को लेकर भगवान के चरणों में शीश झुका कर आराधना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सावन मास की शिवरात्रि भगवान शिव शंकर ने माता पार्वती को कथा सुनाई थी और भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों संग रास लीला रचाई थी। इसलिए भारतीय संस्कृति के अनुसार इस दिन को पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। मंदिर में माथा टेकने पहुंचे श्रद्धालु बबीता कुमारी, राजन ठाकुर, मुन्ना ठाकुर, सोनू ठाकुर, अजीत कुमार, हरदयाल सिंह, अजय कुमार, अरुण कुमार ने बताया कि वह शिवाला मंदिर झटपट बनी में विशेष पूजा अर्चना करने पहुंचे हैं। और पूरे देश ही नहीं बल्कि विश्व में जो इस समय कोविड-19 महामारी का प्रकोप झेल रही है। जल्द ही पूरे विश्व को इससे निजात मिले।