वाटर मीटर लगाने के लिए डीप बोर की गिनती शुरू, नहीं लगवाया तो कटेगा कनेक्शन
नगर निगम ने शहरी आबादी के अधीन डीप बोर से पानी की सुविधा लेने वाले हरेक उपभोक्ता को 31 दिसंबर तक वाटर मीटर लगाने का समय दिया था।
जागरण संवाददाता, पठानकोट
नगर निगम ने शहरी आबादी के अधीन डीप बोर से पानी की सुविधा लेने वाले हरेक उपभोक्ता को 31 दिसंबर तक वाटर मीटर लगाने का समय दिया था। लेकिन, शहर के किसी भी उपभोक्ता ने नगर निगम की इस डेडलाइन को गंभीरता से नहीं लिया है। यही कारण है कि निगम शहर में एक भी वाटर मीटर नहीं लगवा पाया। वहीं हैरत की बात तो यह है कि नगर निगम भी इस वाटर मीटर पॉलिसी को लागू कर पाने के लिए कोई सख्त एक्शन नहीं ले पाया है जिसका नजीता सामने देखने को मिला है। इंजीनियर ब्रांच ने अब इस पालिसी को सख्ती से लागू करने के लिए सदन में प्रस्ताव लाने की बात कही है। हाउस में प्रस्ताव पास होने पर इस पॉलिसी को सख्ती से लागू किया जाएगा और जो उपभोक्ता वाटर मीटर नहीं लगवाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। निगम ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। इस बात की पुष्टि पठानकोट नगर निगम के एक्सईन सतीश सैनी ने की।
भू जल स्तर को बचाने के लिए हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
काबिलेगौर हो कि लगातार गिरते भू जल स्तर को बचाने के लिए हाईकोर्ट ने प्रदेश की समूह नगर निगमों व कौंसिलों को पिछले माह आदेश जारी किया था कि शहरी आबादी डीप बोर से पानी लेने वाले उपभोक्ताओं के वाटर मीटर लगाए जाएं। इतना ही नहीं मीटर नगर कौंसिल अथवा निगम में पास करवाने के बाद एक हजार रुपए की फीस देनी है। मीटर खराब होने की सूरत में उपभोक्ता को तुरंत नया मीटर लगाना होगा। मीटर बदलने में देरी करने पर उपभोक्ता को जुर्माना भी देना होगा। निगम की आर से शहरी आबादी में लार्ज इंडस्ट्रीज, स्माल इंडस्ट्रीज के अलावा, होटल, मोटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा, मल्टीकांप्लेक्स, माल्ज, प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राइवेट, गैर रिहायशी, स्कूल, कालेज, यूनिर्विसटीज, मैरिज पैलेस, क्लब, शॉपस तथा रिहायशी उपभोक्ताओं को 31 दिसंबर तक बोर/ डीप वाटर के साथ वाटर मीटर लगवाने का समय दिया था।
7.60 पैसे प्रति लीटर वसूला जाएगा बिल
निगम की इंजीनिय¨रग ब्रांच के अधिकारियों की माने तो स्टाफ की कमी और पंचायती चुनाव में कर्मचारियों के व्यस्त होने की वजह से इस पर काम नहीं कर पाए। लेकिन, बावजूद इसके वाटर सप्लाई एवं सीवरेज ब्रांच की दो टीमों का गठन कर हरेक प्राइवेट बोर/डीप बोर व टयूबवेलों का सर्वे करवाया जा रहा है। उम्मीद है कि हाउस की मी¨टग तक डीप बोर के सर्वे का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद सदन में मंजूरी मिलते ही सभी मालिकों को एक रिमाइंडर भेज कर वाटर मीटर लगाने के लिए कहा जाएगा। अगर उपभोक्ताओं ने उत्साह न दिखाया तो फिर सीधे तौर पर नोटिस भेजे जाएंगे। अगर नोटिस का भी वह जबाव नहीं देते तो उसके खिलाफ सीधे कोर्ट में केस दायर किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि माननीय हाईकोर्ट का आदेश है इसे तो हर हाल में लागू करवाना पड़ेगा। दूसरा रही बात लगातार गिरते जल स्तर की है तो इसमे बचाने के लिए भी तो सभी को आगे आना ही पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि वाटर मीटर लगने के बाद निगम सभी उपभोक्ताओं से 7.60 पैसे प्रति किलोलीटर से बिल वसूला करेगा। प्रत्येक किलो लीटर में 1 हजार लीटर पानी होता है। ऐसा होने से यहां उपभोक्ता अपना बिल बचाने के लिए पानी की बचत करेगा, वहीं लगातार गिरते जल स्तर को बचाने में भी काफी फायदा होगा। इतना ही नहीं आदेश के अनुसार यहां अधिकतर लोग घर बनाने, पौधों को पानी देने व बाग-बगीचों को सीधे नलके से कनेक्शन देकर पानी लेते थे वह भी डायरेक्ट पानी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन के लिए नहरों व अन्य स्त्रोतों व बाग-बगीचों के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से लाकर पौधों को देगा।
31 दिसंबर तक का था समय
नगर निगम के एक्सईन सतीश सैनी का कहना है कि अभी तक किसी भी उपभोक्ता ने डीप बोर पर वाटर मीटर नहीं लगाया है। 31 दिसंबर तक वाटर मीटर लगाने का समय दिया था। वाटर मीटर को यकीनी बनाने के लिए हाउस की मी¨टग में प्रस्ताव आएगा जिसके बाद मीटर न लगाने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा। फिलहाल अगले कुछ दिनों के भीतर निगम अपने सरकारी ट्यूबवेलों पर मीटर लगाने का काम शुरु कर देगा। जबकि, प्राइवेट उपभोक्ताओं के बोर का सर्वे करने के लिए दो टीमों का गठन कर दिया गया है जो पूरी जानकारी हासिल कर निगम अधिकारियों को देगी। मीटर न लगवाने वालों पर जुर्माना होगा। जुर्माना न देने पर कोर्ट केस होगा।