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पठानकोट में भाजपा की उम्मीदों पर मिली फिर तारीख, कोर्ट ने शुक्रवार ने वार्डबंदी करने का सरकार से मांगा रिकार्ड

वार्डबंदी को लेकर हाई कोर्ट में दायर की गई रिट पिटीशन पर भाजपा को फिर तारीख मिली है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 07:00 AM (IST)
पठानकोट में भाजपा की उम्मीदों पर मिली फिर तारीख, कोर्ट ने शुक्रवार ने वार्डबंदी करने का सरकार से मांगा रिकार्ड

जागरण संवाददाता, पठानकोट : वार्डबंदी को लेकर हाई कोर्ट में दायर की गई रिट पिटीशन पर भाजपा को फिर तारीख मिली है। कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह चार दिसंबर को अगली तारीख में यह बताए कि निगम की फाइनल नोटिफिकेशन किस आधार पर की है। रिकार्ड आने के बाद कोर्ट इस पर अपना फैसला सुनाएगा। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने 13 फरवरी से पहले चुनाव करवाने की नोटिफिकेशन जारी कर दी है। यह चुनाव नई वार्डबंदी पर होगा या पुरानी यह सब कोर्ट के फैसले पर निर्भर होगा।

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कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार से वार्डबंदी का सारा डाटा मंगवाने का आदेश पर भाजपाई काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। भाजपाइयों का कहना है कि कोर्ट में उन्होंने जो दलील पेश की है उसमें वार्डबंदी मानकों पर खरी नहीं उतरती। वार्डबंदी का काम मनमाने तरीके से हुआ है।

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भाजपा ने वार्ड नंबर 15 को बनाया है आधार

भाजपा नेताओं का कहना है कि वर्ष 2015 में उनकी सरकार ने जिन वार्डों में रिजर्व कैटेगरी की संख्या ज्यादा हैं उन्हें ही रिजर्व किया गया था। लेकिन, वर्तमान सरकार ने सभी मानकों को दरकिनार करते हुए अपनी मर्जी से जिस वार्ड को जो चाहा वहीं किया। कांग्रेस सरकार ने वार्डबंदी में आड-ईवन के तहत महिलाओं-पुरुषों की सीटों को फाइनल किया गया। नियम के तहत वार्ड नंबर 15 आड महिला के लिए बनता है, लेकिन सत्ताधारी दल ने उस वार्ड को बीसी श्रेणी के लिए रिजर्व कर वार्ड 16 को रिजर्व कर दिया। ऐसा करके सत्ताधारी दल ने साफ कर दिया कि उन्होंने सारे वार्डों को अपनी मर्जी से पिक एंड चूज कर अपनी मनमर्जी की है, जिसे लेकर वार्ड 15 से पिछला चुनाव लड़ चुकी कुमारी मीनू ने इस बात को लेकर निगम में अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी।

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इन लोगों ने जताई थी वार्डबंदी पर अपनी प्रतिक्रिया-

पुराना वार्ड 41 पूर्व पार्षद सुरेश पिटू, वार्ड की तीन गलियों को गलत तरीके से काटा। नया वार्ड 47 पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर, वार्ड में दूसरे एरिया को गलत तरीके से जोड़ा। नया वार्ड 12, वार्डवासी सुधा, वार्ड में दूसरे एरिया को जोड़ गया।

पुराना वार्ड 17, जितेष गुप्ता, वार्ड में गलत तरीके से नए एरिया को जोड़ा गया। नया वार्ड 21, पूर्व पार्षद शमशेर सिंह, वार्ड को तोड़-मरोड़ कर बनाया गया। पुराना वार्ड 24, गुलशन कुमार, वार्ड में नया एरिया को गलत तरीके से जोड़ा गया।

पुराना वार्ड 27, पूर्व पार्षद विश्वनाथ, एससी आबादी ज्यादा, वार्ड जनरल। वार्ड 46, प्रबोध चंद्र, एससी आबादी ज्यादा, वार्ड जनरल। वार्ड 47 हरप्रीत सिंह वार्डवासी, बहादुर लाहड़ी एरिया को गलत तरीके से वार्ड का हिस्सा बनाया। पुराना वार्ड 32 शमशेर सिंह वार्डवासी, आबादी जनरल ज्यारा, वार्ड एसी रिजर्व।

पुराना वार्ड 30, पूर्व पार्षद स्मृति सैनी, जनरल आबादी ज्यादा वार्ड को जानबूझ कर एससी रिजर्व कर दिया। पुराना वार्ड 30, राहुल सैनी, जनरल आबादी ज्यादा, वार्ड एसी कर दिया।

पुराना वार्ड 31 राज कुमार, जनरल आबादी ज्यादा वार्ड को एसी बना दिया।

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वार्डबंदी पर भाजपा समर्थक नेताओं सहित कुल 32 लोगों ने हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की हुई है। बीती 25 तारीख को कोर्ट ने 2 दिसंबर को की गई वार्डबंदी पर प्रदेश सरकार को अपना जबाब देने के लिए कहा था। जिसमें सरकार को पूछा गया है कि वह बताए कि आखिरकार वार्डबंदी की जो फाइनल नोटिफिकेशन की गई है वह किस आधार पर की है। उसका सारा रिकार्ड कोर्ट में पेश करे जिसके बाद वह इस पर अपना फैसला सुनाएगी। नगर निगम के पूर्व मेयर व वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल वासुदेवा ने कहा कि


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