कर्फ्यू के कारण गांव में आने व जाने पर रोक है
सवधान। कर्फ्यू के कारण गांव में आने व जाने पर रोक है। जब तक लॉक डाउन रहेगा तब तक न तो गांववासी बाहरी किसी व्यक्ति को आने देंगे और न ही गांव से कोई व्यक्ति बाहर जाएगा।
जागरण संवाददाता, पठानकोट
सवधान। कर्फ्यू के कारण गांव में आने व जाने पर रोक है। जब तक लॉक डाउन रहेगा तब तक न तो गांववासी बाहरी किसी व्यक्ति को आने देंगे और न ही गांव से कोई व्यक्ति बाहर जाएगा। यह कोई जबरदस्ती नहीं बल्कि, अपनी सुरक्षा के लिए बंदोबस्त किया गया है। यह कहना है कि निकटवर्ती गांव पंगोली के रणविद्र सिंह बिट्टू, पीडब्ल्यूडी मुलाजिम प्रकाश सिंह सलारिया, ठाकुर करनैल सिंह, सरताज सिंह, सुनीत सलारिया, सुरेश कुमार, योगेश कुमार, गोपाल दास व पुरुषोत्तम का, जिन्होंने 23 मार्च से गांव के दोनों मुख्य मार्गों पर नाकाबंदी कर डेरा लगाया हुआ है। रणविद्र सिंह बिट्टू ने कहा कि नाकाबंदी करने से पहले 22 मार्च को ही सभी गांववासियों को समझा दिया गया था कि कोरोना वायरस के कारण स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए, 23 मार्च को लगने वाले जनता कर्फ्यू वाले दिन कोई भी घर से बाहर न निकले। लेकिन, 23 की रात्रि प्रधानमंत्री ने 21 दिन के लाक डाउन की घोषणा कर दी जिसके बाद गांववासियों ने पक्के तौर पर नाकाबंदी कर दी। गांव के दोनों मुख्य रास्तों पर रस्से लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है। गांव के लड़के दिन भर नाकों पर बैठे रहते हैं। इस दौरान किसी को भी बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही। दो-तीन दिन बाद गांव में एक-डेढ़ घंटा के लिए दुकानें खोली जा रही है ताकि लोग अपनी जरुरत अनुसार राशन ले लें। इतना ही नहीं जरूरतमंद परिवारों को गांववासी सहयोग करके कच्चा राशन व भोजन मुहैया करवा रहे हैं ताकि वह भूखे न रहे। पीडब्ल्यूडी मुलाजिम प्रकाश सिंह सलारिया का कहना है कि वह सरकारी काम के लिए जब उन्हें बुलाया जाता है तो वह सभी टीम को बताकर जाते हैं। जाने से पहले और आने पर वह पहले सैनिटाइजर से हाथ साफ करते हैं और कपड़ों को बदलने से पहले नहाते हैं। उन्होंने जिला व देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि वह भी अपनी सुरक्षा तथा देश पर संकट न आए को ध्यान में रखते हुए घरों के बाहर न निकले। कोशिश करें कि जो जरूरतमंद परिवार हैं उनके लिए सभी की सहायता से भोजन का प्रबंध करें। कहा कि यदि सभी देशवासी लाक डाउन का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को हराना आसान हो जाएगा।