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शाहपुरकंडी डैम के लिए केंद्र ने मंजूर किए 485.38 करोड़

रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी ईकाई शाहपुरकंडी बांध के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने अपने हिस्से के फंड को जारी करने की मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 06:11 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 06:11 PM (IST)
शाहपुरकंडी डैम के लिए केंद्र ने मंजूर किए 485.38 करोड़

कमलकृष्ण हैप्पी, जुगियाल

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रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी ईकाई शाहपुरकंडी बांध के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने अपने हिस्से के फंड को जारी करने की मंजूरी दे दी है। अब पंजाब सरकार और बांध प्रशासन की मांग के अनुसार फंड केंद्र द्वारा जारी किया जाएगा। इसकी पुष्टि करते हुए शाहपुरकंडी बांध परियोजना के एसई हेडक्वार्टर सुधीर गुप्ता ने बताया कि बांध प्रशासन और पंजाब सरकार ने शाहपुरकंडी बांध के लिए 2792 करोड़ के फंड की अप्रूवल भेजी थी जिसमें से केंद्र सरकार की ओर से 2715 करोड़ की राशि को अप्रूव किया था जिसमें पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 90-10 और 60-40 के अनुपात में थी। लेकिन अब सारी प्रक्रिया पूरी होने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की 82-18 के अनुपात पर हिस्सेदारी मंजूर हुई है।

इसके तहत केंद्र सरकार ने 2715 करोड़ की राशि में अपने हिस्से की 485.38 करोड़ की राशि मंजूर कर दी है। इस डैम प्रोजेक्ट के निर्माण से जहां रणजीत सागर बांध अपनी पूरी क्षमता से 600 मेगावाट बिजली पैदा कर सकेगा। वहीं शाहपुरकंडी प्रोजेक्ट द्वारा 206 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के उत्पादन किया जाएगा और रावी नदी का पानी पड़ोसी देश पाकिस्तान को न बहा कर पंजाब की 5000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर की 37173 हेक्टेयर भूमि सींचने के काम आएगा।

गौरतलब है कि 3 मार्च 1979 को तत्कालीन जेंएडके और पंजाब सरकार के बीच रणजीत सागर बांध परियोजना और शाहपुरकंडी बांध इकाईयों को बनाने में सहमति बनी थी। जिसमें दोनों राज्यों का पानी और बिजली देने पर समझौता हुआ था। जिसमें वर्ष 2001 में रणजीत सागर बांध परियोजना का कार्य तो पूरा हो गया। पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना का कार्य अधर में लटक गया। जिस कारण पड़ोसी राज्य को शाहपुरकंडी बांध परियोजना के निर्माण के बाद जो पानी मिलना था नहीं मिल पाया। इसी के बीच वर्ष 2008 में नेशनल कांफ्रेस और कांग्रेस की सरकार ने इसपर आपत्ति जताई और दावा किया कि पंजाब सरकार द्वारा इस परियोजना को समय रहते पूरा न करने के कारण जम्मू-कश्मीर सरकार को 8599 करोड़ का नुक्सान झेलना पड़ा है। पीएम हाउस और केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की दखलअंदाजी के बाद मार्च और जुलाई 2017 में दोनों राज्यों की मीटिगों के चलते 24 अगस्त 2017 को जम्मू कश्मीर सरकार ने कैबिनेट में मंजूरी दी थी। जिसमें पिछले एग्रीमेंट की टर्म एंड कंडीशन को ही शामिल किया गया है। इसके चलते अब पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष इस को संशोधित अनुमानित लागत 2793.64 करोड़ पेश कर इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता सूची में डालकर दोबारा शुरू करने का मुददा जोरशोर से उठाया था। उसके बाद केंद्र सरकार ने 2715 करोड की राशि ही मंजूर की।

शाहपुरकंडी के बिना अधूरा है आरएसडी

शाहपुरकंडी बांध परियोजना के निर्माण के बिना रणजीत सागर बांध भी अधूरा है क्योंकि यदि इस को पूरी क्षमता यानी 600 मेगावाट की पैदावार के लिए चलाया जाता है तो यहां से छोड़ा गया पानी माधोपुर हेडवर्क की क्षमता कम होने के कारण उसमें समा नहीं पाता है। जिस कारण रणजीत सागर बांध परियोजना को ज्यादा से ज्यादा 300 मेगावाट पैदा करने के लिए ही चलाया जाता है। यानी रणजीत सागर बांध से 300 और शाहपुर कंडी बांध से निर्माण होने बाली 206 मेगावाट बिजली कुल 506 मैगावाट बिजली का शाहपुरकंडी बांध न बनने के कारण नुकसान हो रहा है।


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