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58 विभागों के मुलाजिम हड़ताल पर, 14 अगस्त तक नहीं होंगे कामकाज

सांझा मुलाजिम मंच के आह्वान पर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्थित सभी 58 विभागों के करीब एक हजार मुलाजिम कलम छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:11 AM (IST)
58 विभागों के मुलाजिम हड़ताल पर, 14 अगस्त तक नहीं होंगे कामकाज

संवाद सहयोगी, मलिकपुर : सांझा मुलाजिम मंच के आह्वान पर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्थित सभी 58 विभागों के करीब एक हजार मुलाजिम कलम छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यह हड़ताल 14 अगस्त तक जारी रहेगी। डीसी, एसडीएम, तहसील, पीडब्ल्यूडी, पब्लिक हेल्थ, जिला शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में तैनात क्लास थ्री व क्लास फोर मुलाजिम की हड़ताल से प्रतिदिन कामकाज करवाने के लिए आने वाले करीब दो हजार लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वीरवार को मांगों को लेकर मुलाजिमों ने डीसी ऑफिस इंप्लाइज यूनियन के महासचिव गुरदीप सफरी व पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन के विशाल वीर के नेतृत्व में जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में एकत्रित होकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार मुलाजिमों की मांगों को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार मुलाजिमों की मांगों को पूरा करने को लेकर टालमटोल कर रही है। इसके चलते उन्हें मजबूरी में कलम छोड़ हड़ताल करनी पड़ रही है। गुरदीप सफरी ने कहा कि मांगे पूरी करना तो दूर की बात सरकार ने मुलाजिमों के मोबाइल भत्ते में कटौती कर 150 रुपये कर दिया है, जबकि नेताओं का मोबाइल भत्ता आज भी 15000 रुपये है। सरकार ने जिस प्रकार से मुलाजिमों के मोबाइल भत्ते में कटौती की है उसी प्रकार नेताओं के मोबाइल भत्ते में भी कटौती की जाए। विशाल वीर ने कहा कि अगर सरकार ने पहल के आधार पर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो सांझा मुलाजिम मंच के अगले आदेशों पर हड़ताल को आगे बढ़ाया जाएगा। इस मौके पर अलग-अलग विभागों से वासु खजुरिया, सतिदर शर्मा, राजन, मनी, विकास, लखविदर कुमार, अशोक कुमार, दीपक खजुरिया, धर्मेंद्र आदि मौजूद थे।

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मुलाजिमों की मांगे :

-पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।

-200 रुपये मासिक टैक्स हटाया जाए।

-10,300 रुपये मासिक वेतन वाली प्रथा बंद का सभी मुलाजिमों को उनका बनता पूरा वेतन दिया जाए।

- पुराने डीए की पेंडिग किस्त जारी की जाए।

- सीधी भर्ती का 25 फीसद कोटा तब्दील कर 100 फीसद पदोन्नत कोटा किया जाए।

- नई भर्ती के माध्यम से खाली पद भरे जाएं।

- मोबाइल भत्ते में की गई कटौती को बढ़ाया जाए।


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