शहर के विकास में अहम भूमिका निभाएगी डेयरीवाल की 325 एकड़ जमीन
पिछले आठ सालों से निशानदेही न होने के कारण आए दिन पैदा हो रही उलझनों पर आखिरकार निगम प्रशासन ने विराम लगा दिया है।
विनोद कुमार, पठानकोट : पिछले आठ सालों से निशानदेही न होने के कारण आए दिन पैदा हो रही उलझनों पर आखिरकार निगम प्रशासन ने विराम लगा दिया है। निगम ने डेयरीवाल की 325 एकड़ भूमि को अपने अधीन लेकर उसकी निशानदेही करवा ली है। निशानदेही होने के बाद निगम ने उक्त जमीन पर सीमेंटड पोल लगवाकर उस पर एमसी पठानकोट लिखने का काम शुरू करवा दिया है। 325 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक होने के बाद इससे निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। रेवन्यू विभाग द्वारा जारी नक्शे के अनुसार निगम के मेडिकल अफसर कम प्रोजेक्ट के इंचार्ज डॉक्टर एनके सिंह ने विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में अपने अधीन आती जमीन की निशानदेही करवाई। इस मौके पर चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर जानू चलोत्रा, बिल्डिंग इंस्पेक्टर पलविद्र सिंह, जगदीश राज भी मौजूद थे। आने वाले दिनों में निगम उक्त जमीन पर यहां फ्लैट बनाकर लोगों को बेचेगा, वहीं बाकी जमीन पर भी कई महत्वकांशी प्रोजेक्ट बनाकर अपनी वित्तीय स्थिति को ठीक करेगा।
2011 में डेयरीवाल आया था निगम के अधीन
वर्ष 2011 में राज्य सरकार द्वारा पठानकोट को पहले तहसील से जिला का दर्जा दिया और इसके दो महीना के भीतर ही पठानकोट को नगर कौंसिल से निगम बना दिया। सिटी के अलावा इसमें साथ लगते 17 गांवों को जोड़ा गया। डेयरीवाल भी इसी का हिस्सा था, जिसे ग्राम पंचायत से हटाकर निगम का हिस्सा बनाया गया। निगम का हिस्सा बनने के बाद ग्राम पंचायत की 325 एकड़ जमीन पर निगम का मालिकाना हक हो गया। निगम का हिस्सा बनने पर गांववासियों ने जताया था विरोध
निगम का हिस्सा बनने पर गांववासियों ने तत्कालीन गांव की सरपंच नीरजां महाजन, ब्लॉक समिति सदस्य अजय कुमार के नेतृत्व में विरोध जताया था। गांववासियों का आरोप था कि उन्हें निगम का हिस्सा बनाने का एकमात्र कारण पंचायत की 325 एकड़ जमीन पर कब्जा करना था। दूसरा निगम का हिस्सा बनने के बाद उन पर भारी भरकम टैक्सों का बोझ लग जाएगा। वह कोर्ट भी गए थे जिसके बाद फैसला सरकार के हक में आ गया और फिर 2015 में पहली निगम का गठन हुआ।
डेयरीवाल में बनाए जाने है फ्लैट
निगम द्वारा उक्त 325 एकड़ जमीन पर कॉलोनिया काट कर वहां फ्लैट बनाकर बेचे जाएंगे। इससे निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जिला पुलिस की स्थायी पुलिस लाइन बनाई जाएगी। इसके अलावा कूड़े के स्थायी समाधान को लेकर 10 एकड़ जमीन का अलग से प्रावधान किया गया है ताकि आने वाले समय में कूड़ा डंपिग की समस्या पैदा न हो। निगम के मेडिकल अफसर डॉक्टर एनके सिंह ने कहा कि उक्त जमीन को लेकर कुछेक लोग पिछले सात-आठ सालों से निगम से जानबूझ कर पंगा लेकर काम में बाधा डालते थे। लेकिन, अब रेवन्यू विभाग के रिकार्ड तथा पुलिस की मौजूदगी में निशानदेही का काम शुरू करवा दिया गया है। उक्त जमीन शहर के विकास में अहम भूमिका निभाएगी। इससे कमाई कर निगम जहां शहर में विकास कार्य करवाएगा, वहीं लोगों को भी इससे काफी लाभ होगा।