नशा करने वाले को नशेड़ी न बुलाएं, उसका मार्गदर्शन करें
काठगढ़ पंजाब में सेहत विभाग नशा विरोधी सप्ताह मना रहा है। आम जिदगी पर नशे का क्या प्रभाव पड़ता है इसी लड़ी के तहत सरकारी अस्पताल काठगढ़ के ओट सेंटर में नशे के विरुद्ध सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें एसएमओ डा. गुरिदरजीत सिंह ने भाग लिया।
संवाद सहयोगी, काठगढ़: पंजाब में सेहत विभाग नशा विरोधी सप्ताह मना रहा है। आम जिदगी पर नशे का क्या प्रभाव पड़ता है, इसी लड़ी के तहत सरकारी अस्पताल काठगढ़ के ओट सेंटर में नशे के विरुद्ध सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें एसएमओ डा. गुरिदरजीत सिंह ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि नशा नौजवानों की नौजवानी को दीमक की तरह खाए जा रहा है। नौजवानों को इससे सावधान रहने की जरूरत है। पंजाब सरकार नशा मुक्त पंजाब बनाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इससे दूर रहे। उन्होंने कहा कि नशा करने वाला भाई हो, मित्र हो, भले ही रिश्तेदार हो। उसे इसके बारे में समझाओ, पर उसे नशेड़ी न बुलाओ। उसे कैसे रोका जा सकता है, इस पर योजना तैयार करें। नशे का प्रभाव जब नौजवान पर पड़ता है, तो वह अकेला रहना, काम से जी चुराना व नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए चोरियां करना शुरू कर देता है। उन्होंने कहा कि बच्चा जब स्कूल में पढ़ता है, तो उस पर कड़ी नजर रखें। उसके कैसे दोस्त हैं, यह जरूर देखें। बच्चा ज्यादा समय कहां पर व्यतीत करता है, इस पर भी नजर रखें। जो नशे के आदी हो चुके हैं, वह आसानी से छोड़ भी सकते हैं। ओट सेंटर पर आकर दवाई का सेवन करें, तो वह नशा मुक्त हो सकते हैं।