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ढाई साल में 2 बार खुले टेंडर, भरने के लिए आगे नहीं कोई

शहर की नई हदबंदी में आए क्षेत्रों को वाटर सप्लाई पाइप लाइनों से जोड़ने के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट सीवरेज बोर्ड की तरफ से बनाया गया है। इस परियोजना को लेकर कोई भी ठेकेदार काम करने के लिए तैयार नहीं है। जिस वजह से साल 2016 का प्रोजेक्ट अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसका कारण प्रोजेक्ट में दर्ज कीमतों व मौजूदा बाजार की कीमतों में भारी अंतर को बताया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 05:36 PM (IST)
ढाई साल में 2 बार खुले टेंडर, भरने के लिए आगे नहीं कोई
ढाई साल में 2 बार खुले टेंडर, भरने के लिए आगे नहीं कोई

मनदीप सिंह, नवाशहर : शहर की नई हदबंदी में आए क्षेत्रों को वाटर सप्लाई पाइप लाइनों से जोड़ने के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट सीवरेज बोर्ड की तरफ से बनाया गया है। इस परियोजना को लेकर कोई भी ठेकेदार काम करने के लिए तैयार नहीं है। जिस वजह से साल 2016 का प्रोजेक्ट अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसका कारण प्रोजेक्ट में दर्ज कीमतों व मौजूदा बाजार की कीमतों में भारी अंतर को बताया जा रहा है। इस उलझन में राहों रोड, कुलाम रोड, सलोह रोड व मूसापुर रोड के लोगों को नगर कौंसिल का पेयजल मुहैया नहीं हो पा रहा है। दरअसल बीते समय में हुई नोटिफिकेशन के अनुसार वाटर सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के जरिए पूर्व अकाली सरकार ने साल 2016 के दौरान शहर के नए जुड़े क्षेत्र जहा पर वाटर सप्लाई पाइप लाइन नहीं डाली थी वहा पर यह सुविधा देने के उद्देश्य से करीब 5 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया था। बकायदा प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई थी। प्रोजेक्ट के तहत शहर की राहों, कुलाम, मूसापुर और सलोह रोड के नए जुड़े आबादी क्षेत्रों में वाटर सप्लाई की सुविधा पहुंचाने के लिए करीब 20 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जानी थी। जिसको लेकर सरकार-विभाग ने 2 बार टेंडर काल किए गए। मगर हालात यह रहे कि किसी भी ठेकेदार ने इस प्रोजेक्ट को हाथ नहीं डाला।

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सामान की बढ़ी कीमतों का घाटा नहीं उठाना चाहता कोई

बताते हैं कि सरकार ने सीएसआर यानी कामन शेड्यूल रेट जो निर्धारित किए थे वह इस प्रोजेक्ट की उस समय की रूपरेखा के अनुसार बनाए थे। मगर साल 2016 के बाद 2017 बीत गया और साल 2018 भी आधे से अधिक बीत चुका है। ऐसे में सामान की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है, जबकि सामान पर अब जीएसटी भी लग गया है। ऐसे में ठेकेदारों को यह प्रोजेक्ट घाटे का लग रहा है। इसी वजह से कोई भी ठेकेदार काम करने के लिए टेंडर नहीं डाल रहा।

दो विकल्प, सीएसआर में इजाफा या दोबारा बनेगा खाका

अब भी सरकार की तरफ से इस संबंध में टेंडर काल किए गए हैं। अगर इस बार भी किसी फर्म की तरफ से टेंडर नहीं भरे गए तो सरकार को इस प्रोजेक्ट को दोबारा से तैयार करना होगा या फिर सीएसआर को बढ़ाना होगा।

टैक्स चुकाने बावजूद नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं

बता दें कि हदबंदी में क्षेत्र आने के बाद लोगों को नगर कौंसिल के नियमों को मानना पड़ रहा है। जिसमें नक्शा पास करवाना, प्रापर्टी टैक्स देना सहित अन्य टैक्स जो शहरी क्षेत्र के लोगों को देने पड़ते हैं वह सभी शहर वासियों की तरह नए जुड़े क्षेत्र के लोगों को भी देने पड़ रहे हैं। मगर उन्हें न तो वाटर सप्लाई की सुविधा मिल रही है और न ही सीवरेज की सुविधा।

इस बार भी न भरे टेंडर तो नए सिरे से बनाएंगे रूपरेखा

वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के एसडीओ रणजीत सिंह का कहना है कि विभाग की तरफ से टेंडर काल किए गए हैं। इस बार अगर किसी भी ठेकेदार ने टेंडर नहीं भरा तो संभावित रूप से इस प्रोजेक्ट को नए सिरे से तैयार करना होगा ताकि प्रोजेक्ट के खर्च को नई रेट लिस्ट के अनुसार बनाया जा सके। हालाकि मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में भी है और संभावना है कि इस संबंध में कोई हल जरूर निकलेगा।


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