श्रद्धा का ही दूसरा नाम है श्राद्ध : स्वामी दयाल दास
ब्रह्मलीन तपस्वी बाबा सरवण दास महाराज का श्राद्ध शनिवार को गद्दीनशीन स्वामी दयाल दास महाराज की देखरेख में किया गया। इस अवसर पर पाठ रखकर भोग डाला गया।
संवाद सहयोगी, काठगढ़: ब्रह्मलीन तपस्वी बाबा सरवण दास महाराज का श्राद्ध शनिवार को गद्दीनशीन स्वामी दयाल दास महाराज की देखरेख में किया गया। इस अवसर पर पाठ रखकर भोग डाला गया। हवन यज्ञ किया गया, पूर्णाहुति डाली गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय संत भगवान दास महाराज ने मुख्य तौर पर भाग लिया। उनके साथ संत बेअंत दास विदोशी वालों ने भी शिरकत की। उनके अलावा बड़ी संख्या में साधु संतों ने भी अपनी हाजिरी लगवाई। श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन बाबा सरवन दास की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए और सजदा कर उनकी आरती भी उतारी।
संगत को संबोधित करते हुए स्वामी दयाल दास महाराज ने कहा कि आज हमारे गुरु महाराज ब्रह्मलीन बाबा सरवन दास का श्राद्ध है। श्रद्धा का ही दूसरा नाम श्राद्ध है। इसे श्रद्धा से ही करना चाहिए। बाबा सरवन दास सदा ही गौ, गरीब की सहायता व रक्षा की है। उन्होंने संगत का हमेशा ही मार्गदर्शन किया है, इसके अलावा उन्होंने अनेक समाज भलाई के कार्य किए है। उनके द्वारा कई धार्मिक स्थान, मंदिर, डेरों को स्थापित किया गया है। जो जनता की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। उनके द्वारा कई स्कूल, कालेज भी स्थापित किए हैं, जहां पर बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस अवसर पर साधु संतों में अशुतोष महाराज गुजरात वाले, संत भोला नाथ, संत संगम दास जाडला, संत ऋषि राज नवांशहर, संत उत्तम दास, संत हरि दास, संत हुनमान गिरी, संत शिव चरण दास, संत नारायण पुरी, संत चेतन दास सोहन आदि के अलावा सरपंच गुरनाम सिंह चाहल, पूर्व सरपंच जोगिदर पाल दत्त, मार्केट प्रधान राज कुमार आनंद, प्रिसीपल चमन लाल, प्रिसीपल प्रेम प्रकाश शर्मा, राम कुमार शर्मा, पूर्व सरपंच सुभाष आनंद, उपचेयरमैन ब्लाक समिति सड़ोआ सतीश नैयर, सुभाष शर्मा, किशन चौधरी पूर्व सरपंच, ठेकेदार सुरजीत भाटिया, राणा शंकार सिंह, जसबीर जस्सी, सोनू आनंद, शशी पाल वर्मा, तेजपाल वर्म, कैलाश शर्मा, राघव भारद्वाज, पंकज शर्मा, सुदेश गौतम, अवतार नंबरदार, सतपाल धीमान, रमेश शर्मा, पवन शर्मा, गुलशन जोघी, डा. परमजीत कोहली, डा. प्रेम खटाणा के अलावा राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने हाजिरी लगवाई।