एमआइएस तकनीक से दिल का ऑपरेशन आसान : डॉ. बेदी
आइवीवाइ अस्पताल में दिल की बीमारियों की जानकारी देने के लिए सेमिनार का आयोजन करवाया गया।
जेएनएन, नवांशहर : आइवीवाइ अस्पताल में दिल की बीमारियों की जानकारी देने के लिए सेमिनार का आयोजन करवाया गया। कार्डियोवैस्कुलर एंड वैस्कुलर एंड थारेंसिक साइंसज विभाग के डायरेक्टर हरिदर सिंह बेदी ने बताया कि दिल की बीमारी भारत में चिताजनक महामारी बन चुकी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में दिल की बीमारी के 50 मिलीयन मरीज है तथा जल्द ही आंकड़ा दोगुना होकर 100 मिलियन तक पहुंच जाएगा। हर मिनट में 4 मिनट में चार भारतीय दिल के दौरे के साथ मर रहे हैं। दिल्ली जैसे शहर में दिल के मरीजों की गिनती 31 प्रति 1000 है जबकि पंजाब में यह संख्या दोगुनी है। डॉक्टर बेदी ने बताया कि विश्व में भारत शुगर की बीमारी की राजधानी मानी जाती है तथा दिल का बाईपास ऑपरेशन करवाने वाले 50 प्रतिश मरीज शुगर की बीमारी से पीड़ित है। बाईपास ऑपरेशन के लिए सही सावधानी तथा उसके लिए उचित नाड़ियों का चुनना काफी शानदार नतीजे ला सकता है। डा. हरिदर सिंह बेदी सीनियर डाक्टरों में से एक है तथा बाईपास सर्जरी में विशेष महारत हासिल किए हुए हैं। उन्होंने दुनिया के पहले सीरीज में एक मल्टीवेसल बीटिग हार्ट ऑपरेशन भी किया है। विश्व में सबसे ज्यादा दिल के ऑपरेशन को करने वालों डॉ. बेदी का नाम दर्ज है। उन्होने कहा कि मिनीमम इनवेसिव कार्डियक सर्जरी एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभर के सामने आया है। डॉ. बेदी का नाम इस तकनीक को अधिक अधिक उपयोग करने के लिए लिमका बुक आफ रिकार्ड में दर्ज है।