कीमती जानों को आगोश में लेते हैं सड़क के किनारे खड़े वाहन
सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। ट्रैफिक नियमों को न मानकर लोग अपनी जान के खुद दुश्मन बन जाते हैं वहीं प्रशासन पुख्ता प्रबंधों को अनदेखा कर कीमती जानें जाने का कारण बन जाता है। सर्दी के मौसम में धुंध पड़ने के कारण सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। ऐसे में सड़क के किनारे खड़े वाहन मौत बन जाते हैं। शहर की रेलवे रोड पर खड़े ट्रक हादसों को न्यौता देते हैं वहीं अंबेडकर चौक से लेकर चंडीगढ़ चौक तक बसें, ऑटो व गाड़ियां हमेशा खड़ी ही मिलती है। इन दो चौकों के बीच सब्जी मंडी, रेस्टोरेंट, हलवाई की दुकानें हैं। सबसे ज्यादा हादसे यहीं घटित होते हैं। नेशनल हाईवे पर पड़ते गांव बीरोवाल से दो किलोमीटर आगे, बलाचौर से काठगढ़ के बीच पड़ते कई ढाबों के बाह भी खड़े ट्रक व ट्राले हादसों की वजह बनते हैं। वहीं सबसे ज्यादा हादसे बहराम पीर बाबा मोड़, बहराम टी प्वाइंट, हड्डा रौड़ी गांव चक्क बिलगा, बस स्टैंड ढाहां कलेरां, मल्लपुर अड़का, बरनाला गेट, कंगना पुल बलाचौर व टौंसा में होते हैं जो पुलिस रिकॉर्ड में ब्लैक स्पॉट हैं।
ओवरस्पीड भी लापरवाही का हिस्सा
तेज स्पीड के कारण दस महीने में 50 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं व 56 लोग जख्मी हुए हैं। वहीं धुंध में ऐसी लापरवाही से हादसे और बढ़ने की आशंका होती है। धुंध में कई बार सड़क के किनारे खड़े वाहन दिख नही पाते हैं और पास आने पर पता चलता है तब तक देर हो जाती है। हाईवे पर वाहनों की स्पीड प्रति घंटा 100 किमी से भी ज्यादा रहती है। ट्रैफिक पुलिस के पास वाहनों की स्पीड लिमिट को चैक करने का कोई संसाधन भी नहीं है।
जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितंबर अक्तूबर नवंबर
दुर्घटनाएं-11 10 02 07 11 13 02 06 03 06 05
मौत-09 07 01 04 09 09 00 05 02 03 03
घायल-06 12 01 10 06 08 03 03 01 03 03
मनमर्जी से बनाए कई बस स्टैंड
शहर में बस स्टैंड केवल नाम का रह गया है। बस चालकों ने मनमर्जी के 13 से ज्यादा स्थान चुने हुए हैं जहां से सवारियों को चढ़ाया व उतारा जाता है। बस स्टैंड के बाहर ही अंबेडकर चौक, सब्जी मंडी के सामने, बंगा मार्ग पर, चंडीगढ़ चौंक पर, बद्धन अस्पताल के सामने, डीसी कार्यालय के सामने, माता विद्यावती भवन के सामने, आइवीवाइ अस्पताल के सामने, लवली आटो के सामने, राहों रोड पर चंडीगढ़ चौक से थोड़ा आगे, नेहरू गेट पर, बंगा रोड पर रेलवे फाटक के पास अस्थाई बस स्टैंड बने हुए हैं। इनके अलावा बस चालकों के अलावा वाहन सवार भी मनमर्जी की जगह पर वाहन खड़ा कर काम के लिए चलते बनते हैं। वह अस्थाई बस स्टैंड है जहां से बड़ी बसों वाले सवारियों के चढ़ाते व उतारते हैं। वहीं मिनी बस वाले जहां भी सवारी देखते हैं वहीं से उसे उठा लेते या चढ़ा लेते हैं। जिला पुलिस ने अस्थाई बस स्टैंडों को रोकने के लिए कोई कारवाई नही की है।
सड़कों के पास नही है ले-बाय की व्यवस्था
मोहाली से लेकर फगवाड़ा तक हाईवे बन रहा है। हाईवे पर कई किलोमीटर की दूरियों पर ले बाय को रखा गया है। गांवों की जो लिक सड़क गांव को हाईवे से जोड़ती हैं वहां पर ले बाय ही नही रखा गया है। लोगों ने खुद ही हाईवे की दीवार को तोड़ कर कई जगह ले बाय बना रखें हैं। नवांशहर से बलाचौर की ओर जाएं तो लंगड़ोया से आगे आगे 5 किलोमीटर तक कोई ले बाय नही है जबकि इन पांच किलोमीटर में कई गांव आते हैं। जाडला के बाद वीरोवाल मोड़ पर ही ले बाय बना हुआ है। इसके बाद गांव गढ़ी तक कोई ले बाय ही नही है। हाईवे के सबसे खतरनाक सुज्जोवाल मोड़ पर कोई ले बाय ही नही रखा गया है। नवांशहर से बंगा की ओर जाए तो नवांशहर से सात किलोमीटर की दूरी पर एक ले बाय रखा गया है। ले बाय न होने से लोग रात के समय भी गलत साइडों पर आते हैं जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं और होने का अंदेशा रहता है।
हाईवे का निर्माण हो रहा है, सड़कें उखड़ी हुई हैं इसलिए ओवरस्पीड का चालान नहीं किया जा रहा। चौकों पर पुलिस कर्मचारी तैनात किए जाते हैं जो सड़कों के किनारे वाहन खड़े होने से रोकते हैं। वाहन खड़े करने वालों के खिलाफ ओर सख्ती बरती जाएगी।
रत्न सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज