वृद्धाश्रमों का खुलना गौरव नहीं, लज्जा की बात
साध्वी ने कहा कि हमने ऐसे पाश्चात्य संस्कारों को ग्रहण किया है जो हमारे लिए लाभदायक नहंीं है।
जेएनएन, नवांशहर: दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की नवांशहर के एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मैदान में शुरू हुई श्री राम कथा के दूसरे दिन साध्वी सुश्री सुमेधा भारती ने प्रवचन किए। इस मौके उन्होंने कहा कि आजकल के युवा अपने संस्कारों को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको प्रभु श्री राम जी के अपने माता-पिता की प्रत्येक आज्ञा का पालन के नियम पर चलना चाहिए। आज संतान माता-पिता का सम्मान न करते हुए उन्हें सड़कों पर भटकने के लिए विवश कर देती है या उन्हें वृद्धाश्रमों का रास्ता दिखा देती है। वृद्ध आश्रमों की संख्या बढ़ रही है। इन वृद्धाश्रमों का खुलना हम भारतवासियों के लिए गौरव की नहीं, लज्जा की बात है। भारत देश जिसकी प्रशंसा कभी यहां आने वाला प्रत्येक पर्यटक करता था, वही देश आज संस्कारविहीन होता जा रहा है। साध्वी ने कहा कि हमने ऐसे पाश्चात्य संस्कारों को ग्रहण किया है जो न तो हमारे लिए लाभदायक है और न ही हमारे देश की जलवायु के अनुकूल। अपनी संस्कृति को भूल रहे मानव का खान-पान, रहन-सहन आज अपना कहां है। हम तो औरों का अनुकरण कर रहे हैं। इस बात को भूल जाते हैं कि इस नकल का परिणाम हमारे लिए कितना घातक सिद्ध हो सकता है। साध्वी जी ने बताया कि इससे पूर्व हम पूरी तरह से दिव्यता व पवित्रता से ओतप्रोत अपनी संस्कृति से विमुख हो जाएं, उससे पूर्व हमें सावधान होना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि ईश्वर का साक्षात्कार करना ही धर्म है। परमात्मा को अपने भीतर देखना ही वास्तव में धर्म है और यह धर्म जब हमारे जीवन में आ जाएगा, तभी जागृति का आना संभव है। कथा का समापन विधिवत प्रभु की आरती से किया गया। इस दौरान विधायक अंगद सिंह, जयदीप जांगडा, ललित, सुमन प्रभाकर, सुधीर, मीनू तेजपाल, कमला देवी, नवीन व रमन मुरगई ,गुरपाल अरोड़ा, शीनम अरोड़ा, राकेश वर्मा, सरोज वर्मा, किरन वर्मा व रोहित काला भी मौजूद थे।