Move to Jagran APP

ममता दिवस पर गर्भवति महिलाओं को दिए टिप्स

प्राथमिक सेहत केंद्र मुजफ्फरपुर के सीनियर मेडिकल अ़फसर डा. गीतांजली सिंह की अगुवाई में सेहत ब्लाक मुजफ्फरपुर के विभिन्न सब सेंटरों में ममता दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 10:45 PM (IST)
ममता दिवस पर गर्भवति महिलाओं को दिए टिप्स

जागरण संवाददाता, नवांशहर:

loksabha election banner

प्राथमिक सेहत केंद्र मुजफ्फरपुर के सीनियर मेडिकल अ़फसर डा. गीतांजली सिंह की अगुवाई में सेहत ब्लाक मुजफ्फरपुर के विभिन्न सब सेंटरों में ममता दिवस मनाया गया।

इस दौरान सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजली सिंह ने पीएचसी जब्बोवाल में ममता दिवस पर टीकाकरण के कामकाज का मुआयना किया और गर्भवती औरतों को गर्भावस्था और प्रसूति के बाद संतुलित और विटामिन से भरपूर भोजन लेने के लिए प्रेरित किया।

डा. गीतांजली सिंह ने ममता दिवस के मौके पर एएनएम को टीकाकरण के समय जरूरी सावधानियां बरतने की हिदायत दी। उन्होंने आम लोगों में जागरूकता पैदा करते हुए बताया कि ममता दिवस हर बुधवार को मनाया जाता है। जिस दौरान बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाए जाते हैं। बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है, जो कि सभी सरकारी सेहत संस्थाओं में मुफ्त किया जाता है। बच्चों के अलावा गर्भवती महिलाओं का भी मुफ्त में चैकअप किया जाता है। तथा उनका टीकाकरण भी किया जाता है।

डा. सिंह ने कहा कि जच्चा -बच्चा मौत दर को कम करने के लिए प्रसूति सरकारी अस्पताल में ही करवानी चाहिए। उन्होंने आम जनता से अपील किया कि प्रसूति से संबंधित महिलाओं का स्पैशलिस्ट डाक्टरों से सरकारी अस्पतालों में ही जांच करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे डाक्टर जिनके पास गर्भवती माताओं की जांच संबंधी महारत हासिल नहीं है, उनके पास जाने से मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है। गर्भवती औरतों को प्रेरित करते हुए कहा कि गर्भावस्था और प्रसूति के बाद संतुलित और विटामिन से भरपूर भोजन की सबसे अधिक जरूरत होती है। इसके साथ मां-बच्चा दोनों की सेहत ठीक रहेगी और बच्चे कुपोषण का शिकार होने से बचे रहेंगे।

इस मौके पर नवजात बच्चों की माताओं को मां के दूध की महत्ता के बारे में सेहत शिक्षा दी गई। उन्होंने बताया कि बाल मौत दर कम करने के लिए नवजात बच्चे को छह महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाया जाए, क्योंकि मां के दूध में ऐसे तत्व होते हैं, जो बच्चे को गंभीर रोगों से बचाते हैं। मां का दूध बच्चे को दस्त रोग सहित कई बीमारियों से बचाता है।

इस मौके पर ब्लाक एक्स्टेंशन एजूकेटर मनिदर सिंह, सीनियर लैब टैक्नीशियन अमृतपाल सिंह, एलएचवी हरबंस कौर और एएनेम सहित सेहत विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.