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गांव जंडी का पुरातन तालाब में पानी कम गंदगी ज्यादा

गांव जंडी के बीचों बीच बना तालाब पुरातन तालाबों में से एक है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 06:26 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:26 PM (IST)
गांव जंडी का पुरातन तालाब में पानी कम गंदगी ज्यादा
गांव जंडी का पुरातन तालाब में पानी कम गंदगी ज्यादा

सतीश शर्मा, काठगढ़ : गांव जंडी के बीचों बीच बना तालाब पुरातन तालाबों में से एक है। सारे गांव का गंदा पानी इस तालाब में जाता है। इसके किनारे पर वाटर सप्लाई का बोर लगाया गया है, इसके साथ बनी पानी की टंकी से पूरे गांव को पीने का पानी सप्लाई किया जा रहा है। इस तालाब के किनारे-किनारे पर गोबर के ढेर भी लगाए गए हैं। उनके पास पशु बांध रखे हैं। सफाई न हो के कारण तालाब का पानी गंदा हो चुका है और तालाब बूटी से भर गई है। बूटी के कारण तालाब में कहीं पर पानी दिखाई भी नहीं देता। तालाब की पिछले कई दशकों से सफाई न होने के कारण इसका पानी प्रयोग में भी नहीं लाया जा रहा है। इसकी ऐसी हालात को देखकर कहा जा सकता है कि एक दिन यह तालाब डंप में तब्दील हो जाएगा। उपेक्षा का नतीजा हैं गंदे तालाब और कुएं

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तालाब सिर्फ पानी का स्त्रोत ही नहीं, सामाजिक और संस्कृति का भी केंद्र है। अधिकांश तालाब बदहाली का शिकार हो रहे हैं। लेकिन आज सरकार और प्रशासन की अनदेखी, लोगों की उपेक्षा के कारण प्राकृतिक जल स्त्रोतों का वजूद मिटने के कगार पर है। जल स्त्रोतों की उपेक्षा का ही नतीजा है कि आसपास के तालाब व कुएं गंदे हैं। सरकारी स्तर परसाफ-सफाई की योजना नहीं

जागरुकता के अभाव के साथ-साथ शहरों में निरंतर बढ़ती आबादी और भू माफिया के प्रभुत्व के कारण अधिकांश तालाब और कुएं अपना मूल रूप खो चुके हैं। सरकारी स्तर पर तालाबों में साफ-सफाई की कोई योजना नहीं है। जिसके कारण तालाब अतिक्रमण और प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं। प्राकृतिक जल स्त्रोतों के रखरखाव को लेकर सही कार्ययोजना नहीं होने के कारण तालाब और कुओं का अस्तित्व विलुप्त होने के कगार पर है। अतिक्रमण की चपेट में विलुप्त होता जा रहा तालाबों का दायरा। तालाब की सफाई की जरूरत

मिस्त्री उसारी मजदूर यूनियन के जिला प्रधान निर्मल सिंह जंडी का कहना है कि वह इस गांव के ही रहने वाले हैं और इस तालाब के किनारे पर ही उनका अपना घर है। उन्होंने कहा कि इस की सफाई का होना बहुत जरूरी है। इसके चारों और किनारों को पक्का भी किया जाना चाहिए। क्योंकि गांव के बीच होने के कारम बच्चे भी आसपास खेलते हैं, पशु भी कई बार इसमें गिर चुके हैं, जिन्हें बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया है।

मनरेगा के तहत करवाया जाएगा कार्य : ओम प्रकाश जंडी

चौधरी ओम प्रकाश जंडी का कहना है कि इस तालाब का काम अब करवा रहे हैं। क्योंकि उनकी पत्नी शांति देवी सरपंच हैं। तालाब की सफाई भी करवाई जा रही है। इस तालाब की मनरेगा के तहत इसका सारा काम करवा रहे हैं। ग्रामीण जीवन में तालाबों की अनिवार्यता प्रत्येक सामाजिक संस्कारों व दैनिक जीवन में जरूरी है।

कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है : सरपंच

सरपंच शांति देवी ने बताया कि इस तालाब की साफ सफाई के संबंध में सारी कागजी कार्रवाई करवा दी गई है। जल्द ही मनरेगा के तहत इस तालाब का काम शुरू करवा रहे हैं। तालाबों को बचाना है तो एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। किसी एक व्यक्ति या सिर्फ सरकार के चाहने से यह संभव नहीं है। इसलिए सभी को आगे आना होगा।


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