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वायु और जल प्रदूषण पर निश्चिंत सियासी दल

नवांशहर श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके में 26 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन किसी भी पार्टी के नेता की जुबान पर पर्यावरण का मुद्दा नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 03:58 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 03:58 PM (IST)
वायु और जल प्रदूषण पर निश्चिंत सियासी दल
वायु और जल प्रदूषण पर निश्चिंत सियासी दल

जयदेव गोगा, नवांशहर : श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके में 26 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन किसी भी पार्टी के नेता की जुबान पर पर्यावरण का मुद्दा नहीं है। पंजाब में वायु व जल प्रदूषण की बढ़ती समस्या के कारण लोगों को बीमारियां हो रही हैं, इसके बावजूद किसी को इसकी चिंता नहीं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य की 6200 ऐसी औद्योगिक इकाइयां चिन्हित की हैं, जो पानी को प्रदूषित कर रही हैं। इसके अलावा पंजाब के शहरों से निकलने वाला सीवरेज का पानी भी बिना ट्रीट किए नदियों में डाला जा रहा है। प्रिसिपल सतपाल ने बताया कि पूरे पंजाब में मात्र तीन ट्रीटमेंट प्लांट ही चल रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों से निकलता धुआं कंट्रोल से बाहर हो रहा है। जब धान का सीजन आता है तो पराली जलाते समय नवांशहर सहित पूरा प्रदेश और उत्तर भारत का इलाका गैस चैंबर में तबदील हो जाता है। उस समय अस्पतालों में सांस, चमड़ी और आंखों की बीमारियों के केस बढ़ जाते हैं।

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किसी दल के एजेंडे में नहीं पर्यावरण का मुद्दा

पंजाब के लोग बेशक बिगड़ते पर्यावरण से त्रस्त हों, लेकिन सियासी लोगों की नजर से देखें तो अभी ऐसी स्थित नहीं आई है कि लोगों को इस बात की तकलीफ हो रही हो कि साफ पानी नहीं मिल रहा और हवा में गंदगी ज्यादा है। आज की स्थिति राजनेताओं को बहुत सूट करती है, उन्हें पता है कि यदि पर्यावरण जैसे मुद्दे जनता के मुद्दे बन जाएं तो काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा, इसलिए किसी भी राजनीतिक पार्टी के एजेंडे में पर्यावरण नहीं है। यह सिर्फ मेनिफेस्टो में रखने के लिए मुद्दा है, इस पर काम करने के लिए नहीं।

पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर रहा नदियों में बढ़ रहा प्रदूषण : सतपाल

प्रिसिपल सतपाल का कहना है कि नवांशहर के साथ लगते जिला लुधियाना और जालंधर की नदियों में बढ़ रहा प्रदूषण पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। चाहे लुधियाना की डाइंग इंडस्ट्री हो या इलेक्ट्रो प्लेटिग इंडस्ट्री। इनसे निकलने वाले रासायनिक पदार्थ पहले नालियों में होते हुए बुढ्ढा दरिया गिरते हैं और उसके बाद ये सतलुज दरिया में गिरते हैं। इसी तरह जालंधर में काला संघिया ड्रेन के जरिए सारा गंदा पानी काली बेईं में गिरता है। क्षेत्र के लोगों की सेहत पर्यावरण व स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

संसद में भी पर्यावरण को लेकर नहीं कोई सक्रियता : सुभाष

सुभाष अरोड़ा ने बताया कि बीते चार-पांच साल में पंजाब के सांसदों ने संसद में पर्यावरण के मुद्दे खासकर जल और वायु प्रदूषण को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई। आनंदपुर साहिब हलके से शिअद सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और जालंधर से चौधरी संतोष सिंह या होशियारपुर से भाजपा के विजय सांपला ने सांसद में पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को जोर शोर से नहीं उठाया। सांसदों अपने हलके में भी पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कोई खास काम नहीं करवा पाए।

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