बेमिशाल प्रदर्शन कर दिखाई अपनी प्रतिभा
पहलवान तो लड़कों का खेल है, न कि लड़कियों का। तुम इसमें ठीक नहीं बैठती, लड़कियां तो घर का कामकाज संभालने के लिए होती हैं।
By Edited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 08:30 AM (IST)
कृष्ण गोपाल, लुधियाना पहलवान तो लड़कों का खेल है, न कि लड़कियों का। तुम इसमें ठीक नहीं बैठती, लड़कियां तो घर का कामकाज संभालने के लिए होती हैं, लेकिन लोगों की इन बातों की परवाह किए बिना मैंने पहलवानी शुरू की। आज वही लोग जो लड़की होने के कारण घर में कामकाज संभालने के लिए कहते थे, वही अब शाबाशी देते थकते नहीं। दैनिक जागरण से बातचीत में ये बयां किया ओलंपियन कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने। ओलंपियन महिला पहलवान साक्षी प्रो. रेसलिंग में दिल्ली सल्तनत की ओर से आइकॉन खिलाड़ी है। लीग में साक्षी को प्रदर्शन बेमिसाल है। गीता बहनों के दबदबे में साक्षी ने बनाई अलग छाप हरियाणा में गीता बहनों का डंका बजता है। गीता, बबिता और विनेश फोगट तीनों बहनें हैं लेकिन इनके दबदबे के बीच साक्षी मलिक ने हरियाणा ही नहीं, दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाई, वो भी रियो ओलंपिक में कांस्य पदक लाकर। डिस्ट्रिक्ट से शुरुआत करने वाली साक्षी ने कहा कि शुरू में आसपास के लोगों से परेशानी आई थी, लेकिन घर वालों के सहयोग ने हिम्मत दी है। बस कारवां बढ़ता गया और आज आपके सामने है। लीग युवाओं के लिए बेहतर प्लेटफार्म : मलिक प्रो. रेसलिंग के बारे में साक्षी का मानना है कि लीग युवाओं के लिए बेहतर प्लेटफार्म है। इसके लिए खिलाड़ी खुद अपनी प्रतिभा से एक नाम कमा सकते हैं और दूसरा पैसा। वहीं हमारे लिए तो एक संजीवनी बूटी के समान है। पति रेसलर सत्यव्रत ने दिया पूरा सहयोग वर्ष 2017 में रेसलर सत्यव्रत कादियान के साथ शादी के बंधन में बंधी साक्षी ने कहा कि हम दोनों ही रेसलर हैं। गत वर्ष में चोटिल होने के कारण कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक ही हासिल कर पाई थी, लेकिन पति सत्यव्रत के साथ से दोबारा ट्रैक पर जमने की कोशिश कर रही हूं। उम्मीद है कि आगामी अक्टूबर चैंपियनशिप में अच्छा कर ओलंपिक का टिकट हासिल कर वापसी करुं। टोक्यो ओलंपिकक्वालीफायर की तैयारियां में जुटी 2020 टोक्यो ओलंपिक है, साक्षी ने अभी से तैयारियां करनी शुरु कर दी है। साक्षी ने कहा अक्टूबर में ओलंपिक क्वालीफायर वर्ल्ड चैंपियनशिप मुकाबले होंगे, जिसको लेकर आगामी दिनों में भारतीय शिविर लगने शुरु हो जाएंगे। उम्मीद करती हूं, कि इस बार कांस्य की जगह गोल्ड हासिल करुं। उपलब्धियां : साक्षी मलिक आयु : 26 वेट कैटेगरी : 62 किग्रा. पंसदीदा खिलाड़ी : ओलंपियन जापानी खिलाड़ी सिरोई आदर्श : ओलंपियन सुशील और योगेश्वर दत्त उपलब्धियां : वर्ष 2016 रियो ओलंपिक कांस्य पदक, 2014, ग्लासगो कॉमनवेल्थ सिल्वर मेडल, वर्ष 2015 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप दोहा सिल्वर मेडल, वर्ष 2017 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप कांस्य पदक, वर्ष 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ कांस्य पदक हासिल किया। अवार्ड : पद्मश्री वर्ष 2017, वर्ष 2016 राजीव गांधी खेल।
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