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साढ़े 6 लाख की आबादी वाले जिले में महज 1804 दुकानों ने करवाई रजिस्ट्रेशन

जिले में तीन तहसीलें है और 471 गाव हैं। तीनों सब डिवीजनों में खाद्य पदाथरें की हजारों दुकानें हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 03:10 PM (IST)
साढ़े 6 लाख की आबादी वाले जिले में महज 1804 दुकानों ने करवाई रजिस्ट्रेशन

जागरण संवाददाता, नवाशहर : जिले में तीन तहसीलें है और 471 गाव हैं। तीनों सब डिवीजनों में खाद्य पदाथरें की हजारों दुकानें हैं। हर गाव में किरयाने की एक या दो दूकान हैं तो वहीं अन्य खाद्य पदाथरें की पूरे जिले में हजारों दूकानें है, लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग से 1804 दुकानों ने रजिस्ट्रेशन व 554 ने लाइसेंस लिया है। अभी जिले में सैकड़ों दुकानें, होटल व रेस्टोरेंट बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। सेहत विभाग के उदासीन रवैये के कारण रजिस्ट्रेशन करवाने के प्रति लोग लापरवाह बने हुए हैं। पिछले आठ सालों के दौरान जिले में केवल 1804 खाने-पीने वाली दुकानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिले में सभी दुकानदारों की ओर से फूड सप्लाई विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया जाता है। जहा तक की कैमिस्टों का भी अपनी दुकानों का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है पर जिले के किसी भी कैमिस्ट ने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाई है। बिना रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के कारोबार करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

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यह है नियम

नियमों के तहत 12 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करवाने वालों को केवल सेहत विभाग के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसके साथ ही 12 लाख से ऊपर का कारोबार करने वाले को लाइसेंस लेना जरूरी है। राज्य में 2011 में लागू हुआ था एक्ट

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट को लागू हुए आठ से अधिक साल हो गया हैं। लेकिन इस एक्ट को लागू करने की रफ्तार बहुत धीमी है। केंद्र सरकार ने खाने-पीने की चीजों में मिलावटखोरी को रोकने के लिए एक्ट 2006 में बनाया था। राज्य में इसे 5 अगस्त 2011 में लागू कर दिया गया था। इसके तहत खाने पीने की चीजें बेचने वालों को लाइसेंस लेना व रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। बिना रजिस्ट्रेशन-बिना लाइसेंस के हजारों लोग कारोबार कर रहे हैं। सेहत विभाग का उन पर कोई अंकुश नहीं है। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए चलाई जाएगी मुहिम : मनोज खोसला

इस बारे में फूड सप्लाई विभाग के असिस्टेंट फूड कमिश्नर मनोज खोसला न कहा कि सभी लोगों को अपनी दुकानों का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए। रजिस्ट्रेशन न करवाने पर जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी विभाग की ओर से लोगों को इस बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों को कह कर रजिस्ट्रेशन करवाने की मुहिम को युद्द स्तर पर चलाया जाएगा।


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