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असंतुष्टों को साधने में जुटे राजनीतिक दल

नवांशहर लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जिले में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और अपना पलड़ा भारी करने के मकसद से राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसके तहत जहां लोगों को पार्टी में शामिल करवाया जा रहा है वहीं जो लोग पार्टी में शामिल नहीं हो सकते हैं उन्हें अपने नेताओं से भीतरघात करने लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उम्मीदवार अपने नजदीकियों के जरिए संपर्क साध रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 12:16 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 06:26 AM (IST)
असंतुष्टों को साधने में जुटे राजनीतिक दल
असंतुष्टों को साधने में जुटे राजनीतिक दल

राजीव पाठक, नवांशहर : लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जिले में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और अपना पलड़ा भारी करने के मकसद से राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसके तहत जहां लोगों को पार्टी में शामिल करवाया जा रहा है, वहीं जो लोग पार्टी में शामिल नहीं हो सकते हैं, उन्हें अपने नेताओं से भीतरघात करने लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उम्मीदवार अपने नजदीकियों के जरिए संपर्क साध रहे हैं। तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। राहों में कांग्रेस ने असंतुष्ट अकाली वर्करों को कांग्रेस में शामिल करवाया तो अकाली दल ने इसका जवाब नवांशहर और अन्य इलाकों में दिया। यहां कांग्रेसियों को खुद लोकसभा के उम्मीदवार प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने अकाली दल में शामिल करवा दिया।

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लोगों को किसी तरह अपने पाले में लाने की कोशिश

उधर, बताया जा रहा है कि एक ओर लोगों को तोड़कर अपनी ताकत बढ़ाने का काम नेता कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगों से भी संपर्क साधा जा रहा है जो पार्टी में शामिल तो नहीं होंगे, लेकिन अपने रसूख से पार्टी को वोट दिलवाएंगे। नेता ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें मतदान से पहले ही अपने पाले में करने में लगे हुए हैं। उनसे कहा जा रहा है कि यदि वे खुलकर सामने नहीं आ सकते हैं तो केंद्र में सरकार बनाने में तो मदद कर ही सकते हैं।

उपेक्षा के शिकार कांग्रेसियों के संपर्क में अकाली

बताया जा रहा है कि अकाली दल के नेता ने ऐसे कांग्रेसियों से संपर्क में हैं, जो मौजूदा सरकार व नेताओं की उपेक्षा के शिकार हैं। उन्हें लग रहा है कि चुनाव में उनका इस्तेमाल करने के बाद उन्हें भुला दिया गया है। उधर, कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा न होने से कांग्रेस की ओर से अभी सीमित गतिविधियां ही चल रही हैं, जबकि अकाली दल व अन्य पार्टियों ने पूरे जिले में अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है। किस को कौन मात देगा यह चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।

विचार सुनने पर पार्टी के पाले में आ रहे लोग : चंदूमाजरा

अकाली दल के उम्मीदवार प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा कहते हैं कि केंद्र सरकार ने देश का रूतबा बढ़ाया है। इसके साथ ही विभिन्न इलाकों की बैठकों के दौरान कांग्रेसी विचारों को सुनने के बाद अकाली दल के समर्थन में आ रहे हैं। इसका फायदा पार्टी को होगा।


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