राहत के साथ चूहड़पुर वासियों के लिए आफत बनेगा बाईपास
नवांशहर बाईपास बनने से जहां शहर में ट्रैफिक की समस्या से जूझते शहरवासियों को राहत मिलेगी वहीं इस बाईपास के बनने से आफत भी खड़ी होगी।
संवाद सूत्र, नवांशहर : नवांशहर बाईपास बनने से जहां शहर में ट्रैफिक की समस्या से जूझते शहरवासियों को राहत मिलेगी, वहीं इस बाईपास के बनने से आफत भी खड़ी होगी। गांव चूहड़पुर के लोगों ने बताया कि बाईपास बनने से गांव सिबल तथा चूहड़पुर गांव की फसलें बरसात के पानी के कारण डूब जाएगी, क्योंकि बाईपास बनाते समय पानी की निकासी का कोई प्रबंधक नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि ड्रेन गांव बकापुर, धर्माई गांव की तरफ से आ रही है। सिबली गांव के पास नहर का साइफन बना है, लेकिन चूहड़पुर गांव के निकट पानी की कोई निकासी नहीं रखी गई। गांव वासियों की मांग है कि यहां पर पुल बनाया जाए, ताकि लोगों को आने वाले समय कोई मुश्किल न हो। इस अवसर पर पर सुरिदर सिंह, हरकिशन सिंह, अवतार सिंह, शीतल सिंह, धर्मपाल, सुरजीत राम, मुलख राज, फुम्मण सिंह, धनी राम, ज्ञान चंद, स्वर्ण सिंह, बिदर, ठाकुर राम आदि शामिल थे।
पुल न बनने से बर्बाद होंगी फसलें : पूर्व सरपंच
पूर्व सरपंच सरवण सिंह का कहना है कि अगर पुल न बनाया गया तो फसलें बर्बाद हो जाएंगी, क्योंकि पहले सड़क का स्तर नीचे था, अब बाईपास लगभग पांच फुट ऊंचा है। इससे जो पहाड़ों से बरसात का पानी आता है, उसकी निकासी नहीं होगी और इसका गांव वासियों को नुकसान होगा।
मांग न मानने पर संघर्ष के चेतावनी
गांव वासियों ने बताया कि इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर, सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा व बाईपास बनाने वाले विभाग जालंधर और ड्रेन विभाग को भी लिखित रूप में बता चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। उन्होंने चेताया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो विरोध में संघर्ष तेज किया जाएगा।