अब एक घंटे में मिलेगी कोरोना की रिपोर्ट
कोरोना के बढ़ते केसों के बीच अच्छी खबर है कि अब कोरोना की जांच जिला अस्पताल में ही होगी। यहां ट्रू-नेट मशीन लग गई है।
सुशील पांडे, नवांशहर : कोरोना के बढ़ते केसों के बीच अच्छी खबर है कि अब कोरोना की जांच जिला अस्पताल में ही होगी। यहां ट्रू-नेट मशीन लग गई है। परीक्षण की अनुमति मिलने के बाद कोरोना की जांच शुरू कर दी गई है। वैसे तो इस मशीन से टीबी, लेप्रोसी सहित अन्य बीमारियों की जांच पहले से की जाती रही है। प्रदेश में कोरोना का पहला हॉट स्पाट नवांशहर ही बना था। नवांशहर में ही कोरोना पॉजिटिव की पहली मौत हुई थी। बहुत ज्यादा सैंपल होने के कारण जांच रिपोर्ट आने में पांच से छह दिन का समय लगता था तो औसत तौर पर तीन दिन के बाद रिपोर्ट आती थी। अब इमरजेंसी केस में इस मशीन से एक घंटे में ही रिपोर्ट आ जाएगी।
ट्रू नेट मशीन को चार्ज किया जा सकेगा। एक बार चार्ज करने पर यह मशीन 8 घंटे के करीब बिना किसी रुकावट के काम करेगी। मशीन को चार्ज करने पर छह घंटे का समय लगता है। अगर मशीन 8 से 10 घंटे काम करती है तो इमरजेंसी में 16 के करीब सैपल लगाए जा सकते है। एक सैंपल की रिपोर्ट आने में 1 घंटा का समय लगता है। मशीन का काम सिर्फ कोरोना पॉजिटिव मरीजो का पता लगाना होगा। यह भी हो सकेगी जांच
कोरोना वायरस, हेपेटाइटिस के चार प्रकार के टेस्ट, टीबी, नीपा वायरस, डेंगू, चिकनगुनिया, महिलाओं में होने वाला टपिलोमा, साल्मोना, क्लेमेडिया, गोनेरिया, एचएलए बी27 समेत कुल 16 प्रकार की जांच मशीन से की जा सकेगी। ऐसे होगा कोरोना टेस्ट
एसएमओ डॉ.हरविदर सिंह ने बताया कि कोरोना के लिए आईटीपीसीआर अर्थात पॉलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट किया जा रहा था। ट्रू-नेट मशीन में कार्टेज बेस सिस्टम से जांच की जाती है। इसमें न्यूक्लिक एसिड व डीएनए का परीक्षण कर कोरोना का पता चलता है। इस मशीन में अलग-अलग तरह की जांच हो सकती है। इसके लिए आईसीएमआर ने कुछ गाइडलाइन जारी की है। हालांकि अब तक की स्टडी बताती है कि इसका रिजल्ट लगभग सही रहा है। इस मशीन की जांच को भी अब अंतिम जांच माना जा रहा है।
मशीन चलाने के लिए रखा तीन लोगों का स्टाफ
सिविल सर्जन डॉ. राजिदर प्रसाद भाटिया ने बताया कि इस मशीन से 70 मिनट में एक सैंपल की जांच की जा सकती है। सेहत विभाग ने सिविल अस्पताल में कोविड-19 के इमरजेंसी टेस्ट करने के लिए ट्रू नेट मशीन दी है। माहिर डाक्टरों के नेतृत्व में मशीन का ट्रायल लिया गया जो सफल रहा। मशीन को सिविल अस्पताल नवांशहर की माइक्रो लैब में रखा गया है। मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है और यह ऑनलाइन सिस्टम के जरिए काम करेगी। इसको चलाने के लिए तीन लोगों की डयूटी लगाई गई है। इनमे एक डॉक्टर और दो लैब टेक्निशियन है। अगर मशीन पर काम बढ़ता है तो स्टाफ भी बढ़ा दिया जाएगा। अब तक भेजे गए 16816 सैंपल 232 की रिपोर्ट आना बाकी
जिले से अब तक कुल 16816 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। जिनमें से 232 की रिपोर्ट का इंतजार है। 317 पॉजिटिव केस अभी तक आ चुके हैं व 260 से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। इसके अलावा तीन लोगों की मौत अभी तक जिले में हो चुकी है। जिले में 127 लोगों को होम क्वरंटाइन किया गया है और होम आइसोलेशन में 21 लोगों को रखा गया है।