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आरटीओ दफ्तर होशियारपुर जाने से बढ़ीं परेशानी

जागरण संवाददाता, नवांशहर जिले के ट्रांसपोर्टर व व्यापारी आरटीओ दफ्तर नवांशहर से बदल कर होशियारपुर

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 07:31 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 07:31 PM (IST)
आरटीओ दफ्तर होशियारपुर जाने से बढ़ीं परेशानी

जागरण संवाददाता, नवांशहर

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जिले के ट्रांसपोर्टर व व्यापारी आरटीओ दफ्तर नवांशहर से बदल कर होशियारपुर ले जाने से परेशान हैं। इसके अलावा वे जिले के भारवाहक वाहनों को पीबी 32 की बजाए होशियारपुर का नंबर पीबी 07 सीरीज दिए जाने से भी परेशान हैं। मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। हालांकि बीते समय में जिले के दौरे के दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री अरुणा चौधरी ने आरटीओ होशियारपुर की हफ्ते में दो दिन ड्यूटी नवांशहर दफ्तर में लगाए जाने की बात कही थी, मगर वह भी अमल में नहीं लाई जा सकी है। इसकी वजह से ट्रांसपोर्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही पहले डीटीओ की पावरें एसडीएम को सौंप दीं। उसके बाद जिला मुख्यालय में स्थित डीटीओ दफ्तर को आरटीओ दफ्तर होशियारपुर में तबदील कर दिया। इस वजह से अब यहां नवांशहर में छोटे वाहनों की आरसी, छोटे वाहनों के लाइसेंस आदी ही टैस्ट ड्राइव ट्रैक के जरिए बनते हैं। इसकी देख रेख एसडीएम की तरफ से की जाती है। इसके अलावा बड़े भारवाहक वाहनों की आरसी व अन्य सभी दस्तावेज होशियारपुर आरटीओ दफ्तर से ही बनते हैं। इस वजह से ट्रांसपोर्टरों को छोटे-छोटे काम के लिए भी होशियारपुर जाना पड़ रहा है। इसके अलावा भारवाहक वाहनों में पीबी 32 सीरीज के नंबर जिला मुख्यालय की पहचान रहे हैं, मगर अब भार वाहक वाहनों को भी पीबी 07 सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में यह पहचानना मुश्किल हो रहा है कि नवांशहर की गाड़ी कौन सी है व होशियारपुर की गाड़ी कौन सी।

ट्रक यूनियन नवांशहर के चेयरमैन सोहण ¨सह हीर का कहना है कि ट्रांसपोर्ट दफ्तर नवांशहर से होशियारपुर ले जाकर सरकार ने अपना खर्च जरूर कम कर लिया है, मगर ट्रांसपोर्टरों के लिए खासी परेशानी कर दी है। ट्रांसपोर्टरों को अपनी आरसी बनवाने और अन्य टैक्स भरने के लिए होशियारपुर जाना पड़ता है। यह काम पहले नवांशहर में ही हो जाते थे। इस वजह से हरेक ट्रांसपोर्टर या एक व्यक्ति को नवांशहर की बजाए अपनी दिहाड़ी खराब करके होशियारपुर जाकर कागजी कार्रवाई पूरी करवानी पड़ती है, इसलिए आरटीओ दफ्तर नवांशहर तबदील होना चाहिए।

ट्रक यूनियन नवांशहर के उप प्रधान जीता धमड़ैत ने कहा कि आरटीओ दफ्तर होशियारपुर चला गया है। अब न केवल लोगों को गाड़ी की रजिस्ट्रेशन व अन्य कागजी कार्रवाई के लिए होशियारपुर जाना पड़ता है बल्कि उन्हें गाड़ी की मेंटीनेंस पास करवाने के लिए भी होशियारपुर ही जाना पड़ता है। इससे खासा समय बर्बाद होता है। हालात यह है कि जरा सी भी देरी होने पर ट्रांसपोर्टर को जुर्माना लगा दिया जाता है, मगर ट्रांसपोर्ट दफ्तर में लोगों को हफ्तों तक अपने कागजात का इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो अपनी दिहाड़ियां तोड़ कर हफ्ते में तीन-चार बार भी होशियारपुर जाना पड़ता है। मगर काम फिर भी नहीं होता। इसलिए ट्रांसपोर्ट दफ्तर नवांशहर तबदील होना चाहिए। इसके अलावा नवांशहर की गाड़ियों का सीरीज नंबर पीबी 07 कर दिए जाने की वजह से नवांशहर की गाड़ियों की पहचान ही खत्म कर दी गई है।

व्यवसाई व जिला व्यापार मंडल प्रधान गुरचरण अरोड़ा का कहना है कि जिला मुख्यालय की पहचान पीबी 32 रजिस्ट्रेशन नंबर को भारवाहक वाहनों को जारी करने की बजाए होशियारपुर की पीबी 07 सीरीज के नंबर जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्ट जगत से नवांशहर की अलग पहचान ही नहीं खत्म की जा रही बल्कि व्यापारियों व ट्रांसपोर्टरों के लिए भी परेशानी पैदा की जा रही है। जिले में कुछ रोड से बाहरी भार वाहक वाहनों के गुजरने पर दिन में पाबंदी होती है, जबकि जिले के वाहनों जिन्हें जिले के भीतर ही माल लाना होता है को भी कई बार 11-11 घंटे का इंतजार करना पड़ता है। पीबी 32 सीरीज नवांशहर की सीरीज है, ऐसे वाहनों के साथ नहीं होता। इसके अलावा आरटीओ दफ्तर होशियारपुर की बजाए नवांशहर तब्दील करना चाहिए, ताकि लोगों को अपने काम करवाने में जो दिक्कतें आती हैं उनसे निजात मिल सके।


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