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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग, उबले आम

मोहम्मद शाहिद, बंगा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान हो रही है। इसके कारण महंगाई भी बढ़

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 06:56 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 06:56 PM (IST)
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग, उबले आम
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग, उबले आम

मोहम्मद शाहिद, बंगा

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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान हो रही है। इसके कारण महंगाई भी बढ़ रही है, लेकिन सरकार इसे कम करने की ओर ध्यान ही नहीं दे रही हैं।

पेट्रोल डीजल के दामों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। इसे लेकर भारत बंद भी करवाया जा चुका है, लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। जब डीजल पेट्रोल का रेट बढ़ता है तो ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ेगा। लोग अब कहते हैं कि अगर तेल पेट्रोल पर अंकुश नहीं लगाया गया तो लोगों को सड़क पर उतरना पड़ेगा।

इस संबंधी व्यापारी गुरचरण अरोड़ा, डॉक्टर बलबीर, स्वर्ण व्यापारी रोहित जैन और प्रकाश मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के डायरेक्टर सुखराज ¨सह ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा के केंद्र सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए ही पेट्रोल पदार्थों को जीएसटी के अंदर लाने में आनाकानी कर रही है और अगर देश में ऐसे ही पेट्रोल पदार्थ के रेट बढ़ते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब लोगों को संघर्ष करने पर मजबूर होना पड़ेगा। क्योंकि हमारे देश में एक जगह से दूसरी जगह पर कोई भी माल पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट ही एक माध्यम है, जोकि देश को माल इधर से उधर करने में अहम भूमिका निभाता है। अगर महाराष्ट्र से कोई फ्रूट पंजाब में लाया जाता है तो महाराष्ट्र में जिस फ्रूट का रेट 15 रुपये किलो होता है तो ट्रांसपोर्ट के महंगा होने से कोई फ्रूट पंजाब में कई गुणा महंगा हो जाता है। इससे महंगाई की दर बढ़ती है क्योंकि ट्रांसपोर्ट में भी ट्रांसपोर्टर ने भी अपना भाड़ा वसूलना होता है। अब तो आलम यह है कि हमारी सब्जी मंडियों में भी जो चीज हमें 10 रुपये प्रति किलो मिलती थी अब उसका रेट 20 से 25 रुपये हो गया है। इसकी वजह सिर्फ ट्रांसपोर्ट है जो मंडियों में फ्रूट में सब्जी लेकर आता है।

पंजाब में ज्यादा मात्रा में किसान धान, चीनी व आलू ही उगाते हैं, जो यहां से दूसरों राज्य में पहुंचाते हैं, यहां का माल वहां दूसरे राज्यों में जाकर डबल रेट में बिकता है, लेकिन पंजाब के किसानों को उसका लाभ नहीं होता। क्योंकि यहां से तो वही सस्ते रेट में भारी माल लेते हैं, वह ट्रांसपोर्ट के जरिए कुछ आने पर ही उसका रेट बढ़ा दिया जाता है।


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