क्षमा शब्द जीवन की आधारशिला : आदर्श मुनि
संवाद सूत्र, बंगा एसएस जैन सभा बंगा की ओर से महापर्व संवत्सरी मनाया गया। इस अवसर पर सीजेएम प¨र
संवाद सूत्र, बंगा
एसएस जैन सभा बंगा की ओर से महापर्व संवत्सरी मनाया गया। इस अवसर पर सीजेएम प¨रदर ¨सह विशेष तौर पर शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रवचन करते हुए आदर्श मुनि महाराज ने कहा कि जिसके जीवन में क्षमा है, वही महानता को प्राप्त कर सकता है। क्षमावाणी हमें झुकने की प्रेरणा देती है। दस लक्षण पर्व हमें यही सिख देता है कि क्षमावाणी के दिन हमें अपने जीवन से सभी तरह के वैर भाव-विरोध को मिटाकर प्रत्येक व्यक्ति से क्षमा मांगनी चाहिए और हम दूसरों को भी क्षमा कर सकें। यही भाव मन में रखना चाहिए। यही क्षमावाणी है।
उन्होंने कहा कि क्षमा बराबर तप नहीं, क्षमा का धर्म आधार होता है। क्रोध सभी के लिए अहितकारी है और क्षमा सदा, सर्वत्र सभी के लिए हितकारी होती है। हर धर्म में क्षमा का महत्व है। वैदिक ग्रंथों में भी क्षमा की श्रेष्ठता पर बल दिया गया है।
सीजेएम प¨रदर ¨सह ने बताया कि छोटा हो या बड़ा क्षमा पर्व पर सभी से दिल से क्षमा मांगनी चाहिए। जब हमें क्रोध आता है तो हमारा चेहरा लाल हो जाता है और जब क्षमा मांगी जाती है तो चेहरे पर हंसी-मुस्कुराहट आ जाती है। क्षमा हमें अहंकार से दूर करके झुकने की कला सीखाती है। क्षमावाणी पर्व पर क्षमा को अपने जीवन में उतारना ही सच्ची मानवता है।
इस अवसर पर स्वामी रूप चंद जैन मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने कार्यक्रम पेश किया। इस दौरान एडवोकेट जेडी जैन सदस्य जुवेनाइल जस्टिस कमेटी, सुधीर जैन, ¨प्रसिपल मंजू मोहन, संजीव जैन, कमल जैन, सचिन जैन, लोकेश जैन, अनिल जैन, उमेश जैन, शाम लाल जैन, पीएलवी वासदेव, संजीव जैन शैंटी आदि शामिल थे।