धान में बिना वजह कीटनाशक का स्प्रे करने से बचे किसान
जासं, नवांशहर मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डॉ. गुरबख्श ¨सह ने किसानों से बिना वजह कीटनाशक का प्रयोग करने से
जासं, नवांशहर
मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डॉ. गुरबख्श ¨सह ने किसानों से बिना वजह कीटनाशक का प्रयोग करने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने विभिन्न गांवों का दौरा करके किसानों से मिले और धान की फसल की स्थिति का जायजा लिया।
डॉ. गुरबख्श ¨सह ने कहा कि जिले में मौजूदा समय धान की फसल बहुत बढि़या है। किसी किस्म के कीड़े-मकौड़े व बीमारियों का हमला देखने को नहीं मिला है। उन्होंने किसानों से अपील की कि धान की फसल पकने पर व अब किसी भी दवा का बिना कारण छिड़काव न करें। बिना वजह कीड़ेमार दवाइयों के स्प्रे से फसल की क्वालिटी पर असर पड़ता है। किसानों से कहा कि मौजूदा मौसम झूठी कंगियारी के हमले के अनुकुल है। इससे बचने के लिए कोसाइड 46 डीएफ 500 ग्राम को 200 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि अभी फसल पर पत्ता लपेट सूंडी का हमले की जानकारी कहीं से भी नहीं आई है, लेकिन यदि पत्ता लपेट सूंडी से पत्तों पर दस फीसद से ज्यादा नुकसान हुआ हो तो 20 मिली लीटर फेम 480 एससी या 170 ग्राम मोरटर 75 फीसद का छिड़काव 100 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि बासमती की फसल का लगातार निरीक्षण करने की जरूरत है। यदि प्रति पौध 5 या इससे ज्यादा टिड्डे नजर आएं तो 40 मिली लीटर कोनफीडोर 20 एससी या क्रोकोडायल 17.68 एमएल या 800 मिली. एकालक्स 25 ईसी को 100 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
इसके बावजूद फसलों में किसी बीमारी के हमला होने के लक्षण मिलते हैं तो ब्लाक खेतीबाड़ी से तालमेल करे। इस दौरान उनके साथ कृषि विकास अधिकारी डॉ. राजुकमार, सतनाम ¨सह मौजूद थे।