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मौत से जिदगी का रास्ता दिखाता नवकेला नवांशहर बीच रास्ते से भटका

लोगों को अवसाद से निकालने के लिए पूर्व डीसी अमित कुमार की ओर से शुरू किया गया नवेकला नवांशहर बीच अधर में ही लटक गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:09 AM (IST)
मौत से जिदगी का रास्ता दिखाता नवकेला नवांशहर बीच रास्ते से भटका

सुशील पांडे, नवांशहर

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जिले के लोगों को अवसाद से निकालने के लिए पूर्व डीसी अमित कुमार की ओर से शुरू किया गया उनका ड्रीम प्रोजेक्ट नवेकला नवांशहर बीच अधर में ही लटक गया है। इससे जुड़े हुए लोगों को भी इसके बारे में नही पता चल रहा है कि यह प्रोजेक्ट चल रहा है या फिर बंद हो गया है।

नवेकला के 40 सदस्यों और चार काउंसलर को शामिल कर बनाया गए वाट्सएप ग्रुप में पिछले डेढ़ सालों से कोई हलचल नही है। डीसी अमित कुमार के समय डेली ही वाट्सएप ग्रुप में प्रोजेक्ट को लेकर अपडेटस डाली जाती थी। नवेकला नवांशहर को करीब डेढ़ साल पहले आत्महत्या के लिए विचार करने वाले लोगों की जिदगी में रोशनी लेकर आने के लिए शुरू किया गया था।

प्रोजेक्ट को शुरूआत में बेहद अच्छा रिस्पांस मिला व शुरूआती माह में ही करीब 20 लोगों ने इस प्रोजेक्ट के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर काउसलिंग ली। लेकिन डीसी अमित कुमार के नवांशहर से तबादला होने के बाद से ही यह प्रोजेक्ट बंद पड़ गया। हालंकि इस प्रोजेक्ट के भाग जिसमें भीख मांगने वाले बच्चों की माताओं को जूट के थैले बना कर मार्केट में बेचना था वो अब भी चल रहा है। यह है नवांशहर नवेकला

प्रशासन ने जिले में आत्महत्याओं को रोकने के लिए नवेकला नवांशहर प्रोजेक्ट के तहत विशेष हेल्पलाइन शुरू की थी। हेल्पलाइन को सिविल सर्जन के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। फोन द्वारा काउंसलिग कर आत्महत्याओं को रोकने में मदद करते हैं। नवेकला नवांशहर हेल्पलाइन को आ यह हेल्पलाइन 24 घंटे 7 दिन काम करती है। अभी तकरीबन 20 लोग इस हेल्पलाइन से मदद ले चुके हैं। मानसिक रूप से परेशान लोग आत्महत्या की ओर कदम उठाने से पहले परिजनों ने हेल्पलाइन की मदद ली थी।

जागरूकता के लिए लगाए जाने थे फ्लेक्स बोर्ड

लोगों को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से शहर तथा गांवों में फ्लेक्स बोर्ड लगाए जाने थे पर पिछले डेढ़ साल में एक भी फ्लेक्स बोर्ड नही लगाया गया है। वहीं गांवों के पंचायत घरों में इस संबंध में बैठकें की जानी थी व पंचायत घरों की दीवारों पर नवेकला नवांशहर के बारे में तथा इसकी हेल्पलाइन के बारे में लिखवाया जाना था। प्रशासन की ओर से लोगों को सिर्फ अखबारों के माध्यम से ही जागरूक किया गया था। जिसका यह असर देखने को मिला कि सिर्फ जिले से ही नही बल्कि पंजाब के अन्य क्षेत्रों से भी हेल्पलाइन पर फोन आने लगे थे

अभी भी दी जाती है काउंसलिग

इस बारे में काउंसलर हरजिदर कुमार का कहना है कि बेशक पिछले डेढ़ साल से प्रोजेक्ट को लेकर कोई हलचल नहीं है पर अगर अब भी उन्होंने कोई काल दिए गए हेल्पलाइन पर आती है। तो वो पीड़ित को गाइड करते हैं।

हेल्पलाइन नंबर रेणुका कलेर -- 9646818565 हरजिदर कुमार -- 9779565693 रमनदीप कुमार --7696484373 नवीन चोपड़ा -- 9872022718

इस माह में बनाए गए हैं जूट के 3500 थैले

नवेकला नवांशहर के अंतर्गत भूबर्थ चाइल्ड क्लब की ओर से यह प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। क्लब की संचालिका गगनदीप कौर ने कहा कि नवेकला योजना के तहत भीख मांगने वाले बच्चों के परिवार को समझा कर बच्चों को भीख मांगने से रोका गया व उनकी माताओं को जूट के थैले बनाने की ट्रेनिंग दी गई है। 80 महिलाएं इस समय जूट के थैले बना रही हैं। प्रत्येक महिला हर माह 3 से 5 हजार रूपये कमा रही है। उस समय प्रोजेक्ट की जरूरत थे अब नही है : डीसी विनय बुबलानी

इस बारे में डीसी विनय बुबलानी ने कहा कि जब नवेकला प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था तब इसकी जरूरत थी। अब इसकी जरूरत नही है क्योंकि प्रोजेक्ट में शामिल सभी स्कीमों को अन्य केंद्र सरकार व स्टेट सरकार की स्कीमो में कवर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए काऊंसलिग शुरू की गई थी पर अब किसानों की कर्जा माफी योजना के कारण छोटे किसानों का कर्जा माफ हो जाता है। इसलिए काऊंसलिग का कोई मतलब ही नही रह जाता है। इसी तरह विद्यार्थियों की काउंसलिग के लिए शिक्षा विभाग की एक योजना चल रही है।


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