महिला दिवस पर विशेष-अबला नहीं अब नारी, हर क्षेत्र में शिखर पर मार रही बाजी
वासदेव परदेसी, नवांशहर : वर्तमान में महिलाएं पुरुषों से किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, यही वजह है क
वासदेव परदेसी, नवांशहर : वर्तमान में महिलाएं पुरुषों से किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, यही वजह है कि हर किसी व्यक्ति को आज महिलाओं को बराबर समझकर उनका सम्मान करने की सलाह दी जाती है। बराबर का सम्मान उन्हें आज दिया भी जा रहा है जो पहले नहीं होता था। आज महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मजबूती से खड़ी हैं। लड़ाकू विमान तक आज महिला उड़ा रही है। लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने से भी आज लोगों की सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है। इतिहास में इस बात का प्रमाण है कि जब नारी ने आगे बढ़कर अपनी बात सही तरीके से रखी है, समाज और राष्ट्र ने उसे पूरा सम्मान दिया है। सात मार्च को महिला दिवस था और इसी संबंध में महिलाओं के बारे में सोच पर लोगों से बातचीत की गई।
नारी की पूजा जहां होती है, वहां देवता रहते हैं : सुरिंदर कौर
सुरिदर कौर संधू का कहना है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। वर्तमान में जो हालात हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान हो रहा है। उन्होंने कहा, महिलाएं पहले से अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर हुई हैं। जीवन के हर क्षेत्र में वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मजबूती से खड़ी हैं। आत्मबल, आत्मविश्वास एवं स्वावलंबन से वे अपनी सारी जिम्मेदारी निभा रही हैं।
आज की संतान मां को कम महत्व देती है : कुलजीत कौर
प्रोफेसर कुलजीत कौर का कहना है कि बदलते समय के हिसाब से संतानों ने अपनी मां को महत्व देना कम कर दिया है, जो चिंता का विषय है। सब धन और अपने स्वार्थ में डूबते जा रहे हैं। कुछ भी हो जम्म देने वाली का माता के रूप में सम्मान जरूर किया जाना चाहिए। आज की नारी पढ़ लिखकर स्वतंत्र है। वे अपने अधिकारों के प्रति सजग भी है। अपना निर्णय लेने में भी वह सक्षम है।
आज हर फील्ड में बेटियां आगे : मनजीत कौर
एडवोकेट मनजीत कौर का कहना है कि लड़कियां ही आजकल हर फील्ड में आगे रहती हैं। अलग-अलग परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। कभी इन्हें कमजोर समझा जाता था, लेकिन अपनी मेहनत और शक्ति के बल पर अब ये हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। महिलाएं पहले से अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर हुई है।
ईश्वर का दिया अमूल्य धन है मां : कंचन अरोड़ा
कंचन अरोड़ा, डीसीपीओ का कहना है कि नारी कभी मां के रूप में, तो कभी बेटी के रूप में ईश्वर का दिया एक अमूल्य धन है। वह बिना परिश्रम लिए अत्यंत आत्मीयता से सभी परिवार जनों की सेवा करती है। नारी ने आज जमीं से आसमान तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। राष्ट्र की प्रगति व सामाजिक स्वतंत्रता में शिक्षित महिलाओं की भूमिका उतनी ही अहह है जितनी पुरुषों की।