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चार वर्षों में गो सेस के मिले 50 लाख फिर भी बेसहारा घूम रहा गोवंश

नगर कौंसिल की ओर से बेशक गो सेस के तौर पर हर वर्ष लाखों रुपये जमा किए जाते हैं पर यह पैसा शहर की सड़कों पर बेसहारा घूम रही गायों व गोवंशों के रखरखाव पर खर्च ही नहीं किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 11:01 PM (IST)
चार वर्षों में गो सेस के मिले 50 लाख फिर भी बेसहारा घूम रहा गोवंश

सुशील पांडे,नवांशहर : नगर कौंसिल की ओर से बेशक गो सेस के तौर पर हर वर्ष लाखों रुपये जमा किए जाते हैं पर यह पैसा शहर की सड़कों पर बेसहारा घूम रही गायों व गोवंशों के रखरखाव पर खर्च ही नहीं किया जा रहा है। कौंसिल को हर वर्ष करीब एक लाख रुपये गो सेस के तौर पर प्राप्त होता है। पिछले चार वर्षों में करीब 50 लाख रुपये की रकम नगर कौंसिल को प्राप्त हुई है। कौंसिल की ओर से अभी तक करीब 25 लाख रुपये की राशि गौशालाओं को दी गई है। इसके अलावा कभी-कभी बिजली विभाग व आबकारी विभाग भी गो सेस के रूप में प्राप्त रकम कौंसिल को प्रदान करता है।

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बेसहारा पशुओं की देखभाल और खानपान के लिए पंजाब सरकार ने साल 2009-10 में एक विशेष टैक्स (काउ सेस) शुरू किया था। वहीं नवांशहर नगर कौंसिल की तरफ से यह सेस वर्ष 2018 से लेना शुरू कर दिया गया था। यह सेस तेल, बिजली, प्रापर्टी टैक्स, शराब, सीमेंट, मैरिज पैलेस व दो और चार पहिया वाहनों पर भी लगाया गया था। इसका मकसद सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकड़कर उन्हें गोशाला में रखना था। नवांशहर नगर कौंसिल पिछले चार वर्षों में 50 लाख रूपये से ज्यादा गो सेस जमा कर चुका है। इसके बावजूद भी शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या खत्म नहीं हो रही है। कौंसिल के पास नहीं है कोई पुख्ता बंदोबस्त

नगर कौंसिल के पास बेसहारा, घायल और बीमार पशुओं के इलाज करवाने का भी कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है। इसके अलावा बीमार पशुओं को अस्पताल लेकर जाने के लिए भी कोई गाड़ी या एंबुलेंस नहीं है। लोगों को अपने खर्च पर या किसी एनजीओ के माध्यम से घायल व बीमार पशुओं को इलाज करवाना पड़ता है। निगम अधिकारियों द्वारा समय समय पर बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के बड़े-बड़े दावे किए जाते है लेकिन यह दावे सिर्फ हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं। गौशालाओं की निर्धारित की है जिम्मेदारी

इस बारे में नगर कौंसिल के अध्यक्ष सचिन दीवान का कहना है कि नगर कौंसिल की ओर से जब भी गौशालाओं को गो सेस का पैसा दिया जाता है तो उनको कहा जाता है कि वे शहर में बेसहारा घूम रहे पशुओं के रख रखाव पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि कौंसिल की तरफ से गौशालाओं की यह जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। नगर कौंसिल की ओर वसूला जाने वाला सेस

आइटम सेस (रुपये में) तेल टेंकर प्रति चक्कर - 100

शराब अंग्रेजी प्रति बोतल -10

शराब देसी प्रति बोतल - 5

सीमेंट प्रति बैग - 1

बिजली प्रति यूनिट- 2

मैरिज पैलेस एसी प्रति फंक्शन -1,000

मैरिज पैलेस नान एसी प्रति फंक्शन- 500

चार पहिया वाहन प्रति वाहन - 1,000

दो पहिया वाहन प्रति वाहन- 200


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