मनरेगा कर्मियों की नहीं सुनी गई पुकार, आज भी जारी रहा धरना
मनरेगा कर्मचारी सरकार से उन्हें पक्का करने की मांग पिछले कई दिनों से कर रहे हैं।
जेएनएन, नवांशहर: मनरेगा कर्मचारी सरकार से उन्हें पक्का करने की मांग पिछले कई दिनों से कर रहे हैं। अभी तक न तो किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली है। इन कर्मचारियों ने आज भी अपने संघर्ष को जारी रखा। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन ने कहा कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे अपने संघर्ष को आगे भी जारी रखेंगे। सरकार उनकी मांगों को अनदेखा नहीं कर सकती है।
यूनियन नेता सर्वजीत सिंह ने बताया कि अभी तक किसी ने भी उनकी मांगों को पूरा करवाने का भरोसा नहीं दिया है। वे पिछले 10 साल से 1539 मनरेगा कर्मचारी कम वेतन पर काम कर रहे हैं। बेहतर काम के बावजूद अभी तक किसी भी कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया है। गांवों के 90 फीसद विकास कार्य मनरेगा तहत ही हो रहे हैं। मनरेगा कर्मचारी पंचायत विभाग में काम करने की मांग कर रहे हैं और विभाग सिर्फ टालमटोल कर रहा है।
गांवों के बेरोजगारों को गारंटी से रोजगार देने वाले मनरेगा कर्मचारी आज खुद बेरोजगार हैं। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा मनरेगा कर्मचारियों के धरने में जाकर कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का वादा किया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
कर्मचारी इस संबंध में डीसी को भी मांग पत्र देकर सरकार के पास अपनी फरियाद कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा। इस मौके मनजीत सिंह, हरजिदर कुमार, नीरज, नरेश कुमार, अवतार चंद और बहादुर राम आदि मौजूद थे।