गुरुद्वारा चरणकमल साहिब में माघी उत्सव, जत्थों ने किया कीर्तन
गुरुद्वारा चरणकमल साहिब में 40 मुक्तों की कुर्बानी को याद में करवाए गए माघी उत्सव में उनके बलिदान की गाथा कीर्तन माध्यम से संगत को सुनाई गई।
संवाद सूत्र, बंगा : गुरुद्वारा चरणकमल साहिब में 40 मुक्तों की कुर्बानी को याद में करवाए गए माघी उत्सव में उनके बलिदान की गाथा कीर्तन माध्यम से संगत को सुनाई गई। रागी व ढाडी जत्थों ने संकीर्तन किया। श्री गुरुद्वारा साहिब में गुरबाणी का पाठ किया गया। अरदास में सिख इतिहास के स्वर्णिम पाठ को आने वाली पीढि़यों तक जारी रहने की अरदास की गई। उधर, बंगा के गुरुद्वारा सिंह साहिब में एसजीपीसी के पूर्व कार्यवाहक प्रधान जत्थेदार सुखदेव सिंह भौर के नेतृत्व माघी उत्सव पर 40 भक्तों को याद किया गया। इसी तरह के धार्मिक कार्यक्रम गुरुद्वारा श्री गुरपलाह, सोतरां गुरुद्वारा नानकसर हकीमपर, गुरुद्वारा छठी पातशाही लडोआ में करवाए गए। सिख नेशनल कालेज में दुल्ला भट्टी की गाथा पेश की
सिख नेशनल कालेज बंगा में प्रिसिपल डा. तरसेम सिंह की देखरेख में स्टाफ ने लोहड़ी का उत्सव मनाया। संगीत विभाग की तरफ से प्रो. श्याम सिंह तथा पंजाबी विभाग के प्रो. गुरप्रीत सिंह ने लोहड़ी के इतिहास के बारे में जानकारी दी। स्टाफ सदस्यों ने अपने बचपन में लोहड़ी मनाने के तौर-तरीकों से एक दूसरे को वाकिफ करवाया। लोहड़ी के नायक दुल्ला भट्टी की गाथा को संगीत विभाग ने पेश किया। इस मौके पर प्रोफेसर अनुपम, प्रोफेसर डा. एसपी सिंह, प्रोफेसर आबिद बाकार, प्रोफेसर परगट सिंह, प्रोफेसर सुनिधि मिगलानी, प्रोफेसर कमलप्रीत कौर, प्रोफेसर निर्मलजीत कौर के अलावा स्टाफ मौजूद रहा। बच्चों को दी लोहड़ी की इतिहास की जानकारी
डायरेक्टर इंटरनेशनल स्कूल, सतलुज पब्लिक स्कूल, भगवान महावीर पब्लिक स्कूल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल तथा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बंगा के अलावा बाबा गोला कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यापकों ने अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को आनलाइन माघी तथा लोहड़ी के इतिहास के बारे में बताया।