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किसानों को आत्मा स्कीम के तहत होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी

बुधवार को जिला फार्मर एडवाइजरी कमेटी नवांशहर व किसानों की विशेष बैठक मुख्य कृषि अफसर डा. राज कुमार के नेतृत्व में हुई। जिसमें वर्ष 2021 -22 में धान के सीजन के दौरान आत्मा स्कीम के तहत होने वाले विभिन्न गतिविधियों का कार्यक्रम बनाने पर विचार-विमर्श किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 10:23 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:23 PM (IST)
किसानों को आत्मा स्कीम के तहत होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी
किसानों को आत्मा स्कीम के तहत होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी

संवाद सहयोगी, नवांशहर: बुधवार को जिला फार्मर एडवाइजरी कमेटी नवांशहर व किसानों की विशेष बैठक मुख्य कृषि अफसर डा. राज कुमार के नेतृत्व में हुई। जिसमें वर्ष 2021 -22 में धान के सीजन के दौरान आत्मा स्कीम के तहत होने वाले विभिन्न गतिविधियों का कार्यक्रम बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में मुख्य कृषि अफसर ने बताया कि सीजन के दौरान किसान प्रशिक्षण कैंप, प्रर्दशनी प्लाट, एक्सपोजर विजीट फार्मर स्कूल लगाने, धान की पराली की संभाल व हैपीसीडर के साथ बिजाई के प्रयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। इस मौके पर किसानों ने सुझाव दिया कि सीजन के दौरान खादों की पूरी सप्लाई भेजी जाए और बीजों, कीटनाशक और कीड़ेमार दवाइयों की क्वालिटी भी बढ़ाई जाए। जिसपर कृषि अफसर ने कहा कि किसानों के लिए जरूरी बीज दवाओं का जिले में भरपूर स्टाक मौजूद है।

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डा. कमलजीत सिंह संघा प्रोजेक्ट डायरेक्टर (आत्मा) ने भाग ले रहे अफसर और प्रगतिशील किसानों के साथ आत्मा स्कीम के अधीन धान के सीजन के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में विस्तार के साथ विचार विमर्श किया। इस मौके पर जगदीश सिंह काहमा डिप्टी डायरेक्टर बागबानी ने बताया कि जिले में गांव स्तर पर आत्मा स्कीम के सहयोग के साथ घर में बागवानी संबंधी प्रशिक्षण और सब्जियों के बीज की किटें किसानों को दीं जा रही हैं। भीम सेन सहायक प्रोजेक्ट अफसर मछली पालन विभाग ने बताया कि आत्मा स्कीम के अधीन मछली पालन विभाग की तरफ से प्रदर्शनी प्लाट और एक्सपोजर विजीट कराए जाएंगे। दमेश कुमार शर्मा लींड बैंक अफसर, नवांशहर ने सरकार की तरफ से किसानों की सुविधा के लिए चलाई जा रही केसीसी स्कीम के बारे जानकारी दी। प्रगतिशील किसान चरनजीत कौर ने कहा कि फसलों के अवशेषों को आग लगाने के स्थान पर खेतों में ही उसे मिक्स करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धान की पराली को खाद बनाने के लिए खुंब उत्पादन और फसलों में मचलिग इस्तेमाल करना चाहिए। इस बैठक में डा.नीना कंवर, डा. रमवीर कौर आदि मौजद रहे।


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