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होम क्वारंटाइन की अनदेखी न पड़ जाए भारी, कचरे में फेंक रहे मास्क व ग्लब्ज

नवांशहर नगर कौंसिल कर्मचारियों की ओर से शनिवार को 10वें दिन भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रही। इसके कारण सफाई कर्मचारियों ने शहर में सफाई करना ही बंद कर दिया है। इसके कारण शहर में सफाई न होने से कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। वहीं इन ढेरों पर कोरोना काल में इस्तेमाल होने वाले मास्क व ग्लब्ज भी देखे जा सकते हैं। इसी तरह का कचरा चंडीगढ़ रोड पर एक कूड़े में भी देखा गया है जो कोरोना संक्रमण बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 10:55 PM (IST)
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होम क्वारंटाइन की अनदेखी न पड़ जाए भारी, कचरे में फेंक रहे मास्क व ग्लब्ज

जागरण संवाददाता, नवांशहर

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नगर कौंसिल कर्मचारियों की ओर से शनिवार को 10वें दिन भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रही। इसके कारण सफाई कर्मचारियों ने शहर में सफाई करना ही बंद कर दिया है। इसके कारण शहर में सफाई न होने से कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। वहीं इन ढेरों पर कोरोना काल में इस्तेमाल होने वाले मास्क व ग्लब्ज भी देखे जा सकते हैं। इसी तरह का कचरा चंडीगढ़ रोड पर एक कूड़े में भी देखा गया है, जो कोरोना संक्रमण बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

जिले की बात करें तो हर रोज यहां के अस्पतालों से 200 किलो मेडिकल वेस्ट निकलता है। इसके निस्तारण के लिए जिले के सभी अस्पतालों का मोहाली की रेंबो कंपनी के साथ ठेका हुआ है। रोजाना ही कंपनी की गाड़ियां जिले में आती हैं और मेडिकल वेस्ट को उठा कर ले जाती हैं।

अस्पतालों में भी दो तरह के डस्टबिन लगाए गए हैं। इनमें से एक डस्टबिन में कोरोना मरीजों से संबंधित मेडिकल वेस्ट को रखा जाता है, तो दूसरे डस्टबिन में दूसरी तरह का आम मेडिकल वेस्ट रखा जाता है। अस्पतालों की ओर से तो बेशक कंपनी को मेडिकल वेस्ट दे दिया जाता है। मगर, आम लोग या फिर जो कोरोना पाजिटिव मरीज हैं व जिनका इलाज उनके घरों में चल रहा है, वो इस्तेमाल करने वाले मास्क व ग्लब्ज आम कूड़े के ढेरों में ही फेंक रहे हैं। इससे कोरोना के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।

अभी तक जिले के 9615 लोग कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं तो 747 सक्रिय केस हैं। जिनका इलाज उनके घरों में या फिर अस्पतालों में चल रहा है।

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घरों में मेडिकल वेस्ट को अगल कूड़ादान में रखें : सिविल सर्जन

इस बारे में सिविल सर्जन डा. जीके कपूर का कहना है कि जिले के अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट समस्या नहीं है। हर अस्पताल का मेडिकल वेस्ट कंपनी द्वारा ही उठाया जाता है। रोजाना मेडिकल वेस्ट वाली गाड़ियां कचरे को उठा कर ले जती हैं। जो मरीज अपने घरों में इलाज करवा रहे हैं, उन्हें मेडिकल वेस्ट को अपने घर में ही अलग बनाए कूड़ेदान में रखना चाहिए।


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