हादसों को न्योता दे रही हैं मंडी बोर्ड की सड़कें
कैप्टन सरकार को सत्ता का ताज पहने दो साल हो गए हैं लेकिन इसके बावजूद सूबे के कई इलाकों में विकास की रफ्तार बहुत धीमी है।
सतीश शर्मा, काठगढ़ : कैप्टन सरकार को सत्ता का ताज पहने दो साल हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद सूबे के कई इलाकों में विकास की रफ्तार बहुत धीमी है। लोकसभा चुनावों में भी विकास का राग खूब गाया गया। करोड़ों रुपये के विकास कार्यो का राग जनता के सामने अलापा गया। हर बैठक में यह भी कहा गया कि सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई गई और आगे भी यह काम जारी रहेगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। काठगढ़ कस्बा, इस क्षेत्र की हर खरीदारी का केंद्र है और इससे सटे 30 से भी ज्यादा गांवों को जाने वाली सड़कें इसी क्षेत्र से होकर जाती हैं। अगर मंडी बोर्ड की सड़कों की बात की जाए तो उनकी हालत काफी चिताजनक है। रात के समय तो कहीं, इन सड़कों पर दिन में चलना भी खतरे से खाली नहीं है। काठगढ़ से मालेवाल कोहली को जाने वाली सड़क पर पड़े जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं जो प्रशासन की लापरवाही का उदाहरण है। इसके अलावा जगतेवाल को जाने वाली सड़क पर पड़े गड्ढे थोड़ी सी बारिश से ही तालाब का रूप धारण कर रहे हैं। काठगढ़ से बागोवाल को जाने वाली सड़क का निर्माण करके भी सरकार इसकी देखभाल करना भूल गई है। मंडी बोर्ड के एसडीओ गुरदेव सिंह भट्टी ने बताया कि शीघ्र ही इन सड़कों को ठीक किया जा रहा है।
मौजूदा सरकार कर रही अनदेखी : अमरजीत, कुलदीप
चौधरी अमरजीत बिल्लू का कहना है कि यह सड़कें अकाली-भाजपा के कार्यकाल में चुनावों के कुछ दिन ही पहले बनाई गई थी, इसे केवल दो साल का समय हो चुका है, लेकिन कैप्टन सरकार ने इसकी देखभाल नहीं की है। इसलिए ये सड़कें जगह-जगह से टूट चुकी हैं। चौधरी कुलदीप चेची बागोवाल ने कहा कि लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियां विकास और ग्रांटों का राग अलाप रही थीं। अकाली-भाजपा तो बनाकर चली गई है, लेकिन मौजूदा सरकार ने मरम्मत का काम भी इस क्षेत्र में नहीं किया है।
कई हादसों के बावजूद मूकदर्शक बनी है सरकार : बाल कृष्ण, सुरजीत कोहली
बाल कृष्ण सरपंच बागोवाल का कहना है कि बागोवाल बाइपास से अकसर ज्यादातर स्कूली विद्यार्थी जाते हैं, इसलिए उसकी मरम्मत बहुत जरूरी है। वहां पर कई हादसे हो चुके हैं, बच्चे दुर्घटना का शिकार भी हुए हैं। सरकार को इन टूटी हुई सड़कों की तरफ ध्यान देना चाहिए। चौधरी सुरजीत कोहली ने बताया कि सड़क भले ही अकाली-भाजपा के कार्यकाल में बनाई गई है, लेकिन सूबे की मौजूदा सरकार का इसकी देखभाल करना फर्ज बनता है। सरकार दो साल होने जा रहे हैं, लेकिन वह खामोश बैठी है।
सड़कों से रोज गुजरते हैं कॉलेज स्टूडेंट्स व कर्मचारी : सरपंच
काठगढ़ के सरपंच गुरनाम सिंह चाहल ने बताया कि मार्केट काठगढ़ के बीच से निकल कर जा रही सड़कें जनता के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। इस पर सरकारी मुलाजिम, फैक्ट्री कर्मचारी, स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थी रोजाना आते जाते हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसको ठीक ही नहीं किया जा रहा है।
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