Move to Jagran APP

इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया हेल्थ क्लेम, पांच हजार का लगा जुर्माना

जिला उपभोक्ता फोरम ने हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम न देने पर इंश्योरेंस कंपनी पर ब्याज के साथ भुगतान करने व पांच हजार रुपये का जुर्माना देने का फैसला सुनाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 09:24 PM (IST)
इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया हेल्थ क्लेम, पांच हजार का लगा जुर्माना
इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया हेल्थ क्लेम, पांच हजार का लगा जुर्माना

जेएनएन, नवांशहर : जिला उपभोक्ता फोरम ने हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम न देने पर इंश्योरेंस कंपनी पर ब्याज के साथ भुगतान करने व पांच हजार रुपये का जुर्माना देने का फैसला सुनाया है। कंपनी ने उपभोक्ता का बीमा तो कर लिया था, लेकिन नियमों का हवाला देकर भुगतान करने से इनकार कर दिया था। घक्केवाल निवासी हरिदयाल सिंह ने फोरम को दी गई शिकायत में कहा है कि माछीवाड़ा रोड स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा में एक व्यक्ति ने खुद को रेलिगेयर इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताया और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की जानकारी दी। उक्त व्यक्ति ने बताया कि उसकी कंपनी का बैंक के साथ उनका टाइअप है। उन्हें 2412 रुपये किश्त उसे देने ही होगी और उसे एक लाख रुपये तक की कैशलेस इलाज की सुविधा तय अस्पतालों में कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। उनकी तरफ से पांच जुलाई 2018 को बैंक के खाते से 2412 रुपये की कंपनी को ट्रांसफर हो गए। 10 जुलाई को उनके सीने में दर्द हुआ और आइवीवाइ अस्पताल में गए। उनके हार्ट की आर्टरीज ब्लॉक हो गई थी। उसका इलाज अस्पताल में हुआ है। अपने इलाज पर उन्होंने दो लाख 19 सौ 15 रुपये खर्च किए। अस्पताल ने इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क साधा लेकिन उन्होंने पहले की बीमारियों के बारे में तीन साल का वेटिग पीरियड का बहाना बना कर भुगतान करने से इनकार कर दिया। इस प्रकार बैंक व इंश्योरेंस कंपनी ने उनके साथ धोखा किया। उन्होंने उपभोक्ता अदालत से उनके क्लेम के 1 लाख रुपये का भुगतान 18 फीसद सालाना ब्याज दर से करवाने की मांग की। इसके साथ ही दिमागी परेशानी को लेकर 50 हजार रुपये, नुकसान के लिए 20 हजार रुपये व 30 हजार रुपये लीगल फीस के रुपये मुआवजा दिलवाने की मांग की।

loksabha election banner

इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि शिकायतकर्ता पहले से ही बीमारी से पीड़ित को लेकर भुगतान करने का कोई प्रावधान नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के जिला उपभोक्ता फोरम के प्रधान कुलजीत सिंह की अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम को सेटल कर भुगतान करने का निर्देश दिया। अदालत ने कंपनी को 1 लाख रुपये का भुगतान व 9 फीसद सालाना ब्याज दर के साथ करने व उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशान के लिए 5 हजार रुपये का जुर्माना देने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि यह आदेश एक महीने के भीतर लागू कर दिए जाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.