फूड सेफ्टी और डेयरी विभाग ने 11 सैंपल भरे
फूड सेफ्टी और डेयरी विभाग की संयुक्त टीम द्वारा दुग्ध के खाद्य पदार्थो में मिलावट को रोकने के लिए सोमवार को बलाचौर क्षेत्र में छापामारी कर 11 सैंपल भरे गए।
संवाद सहयोगी, बलाचौर : फूड सेफ्टी और डेयरी विभाग की संयुक्त टीम द्वारा दुग्ध के खाद्य पदार्थो में मिलावट को रोकने के लिए सोमवार को बलाचौर क्षेत्र में छापामारी कर 11 सैंपल भरे गए। ज्ञात रहे कि पिछले दिनों भी विभाग द्वारा छापामारी करके सैंपल भरे गए थे। भारतीय किसान यूनियन राजेवाल द्वारा इस मिलावटखोरी की शिकायत डिप्टी कमिश्नर नवांशहर को दी गई और इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी। सोमवार को फिर से सुबह छह बजे सहायक फूड कमीश्नर मनोज खोसला, डिप्टी डायरेक्टर डेयरी विकास दविदर सिंह फूड सेफ्टी अफसर राखी विनायक, हेल्थ इंस्पेक्टर सुलिदर सिंह आदि द्वारा बलाचौर में गढ़शंकर रोड, मंढियाणी रोड, गहूंण रोड, भद्दी रोड आदि कई गांवों में छापामारी की गई। छापामारी के दौरान दूध, देसी घी, पनीर आदि के कुल सात सैंपल भरे गए और करियाना के दुकानों से देसी घी के चार सैंपल भरे गए। इस दौरान कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके भाग गए। ज्ञात रहे कि पिछले दिनों में भी कार्यकर्ता दिनेश कुमार द्वारा दी जानकारी के आधार पर भी विभाग द्वारा पिछले दिनों नौ सैंपल भरे गे थे। इस दौरान विभाग द्वारा भर्ती किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मिलावट को रोकने के लिए एक बैठक करके विचार-विमर्श किया गया।
पिछले साल 452 में से 152 सैंपल हुए थे फेल
मनोज खोसला ने बताया कि पिछले समय के दौरान लिए गए सैंपलों के आधार पर आरोपियों को जुर्माना किया गया, जिसमें 2018-19 में 452 सैंपल भरे गए थे। जिनमें से 152 सैंपल फेल हुए थे और अदालत ने 177 केसों का फैसला सुनाते हुए आरोपियों को 16,36000 रुपये जुर्माना किया था। राखी विनायक ने बताया कि जिले में 29 कैंप लगाकर 1125 दुकानदारों को फूड सेफ्टी एक्ट के तहत ट्रेनिग दी गई और दुकानदारों को सही मापदंड से चीजें बेचने के लिए कहा गया। इस दौरान मनोज खोसला और दविदर सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को अच्छी चीजें दिलवाना ही विभाग का मुख्य उद्देश्य और अगर कोई भी व्यक्ति गलत चीजें बेचता है, तो उसकी शिकायत विभाग को दी जाए और उस व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि आगे त्योहारों के सीजन में बढि़या चीजें ही लोगों को दी जाएं, जिससे लोगों की सेहत से कोई खिलवाड़ न हो।