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खुले में पड़े खाद्य पदार्थो की रेहड़ियों पर सरेआम परोसी जा रही बीमारियां

रेहड़ियों पर खुलेआम बिना ढके खाद्य पदार्थ के जरिये लोगों को बीमारियां परोसी जा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 06:28 AM (IST)
खुले में पड़े खाद्य पदार्थो की रेहड़ियों पर सरेआम परोसी जा रही बीमारियां
खुले में पड़े खाद्य पदार्थो की रेहड़ियों पर सरेआम परोसी जा रही बीमारियां

वासदेव परदेसी, नवांशहर : रेहड़ियों पर खुलेआम बिना ढके खाद्य पदार्थ के जरिये लोगों को बीमारियां परोसी जा रही हैं। सड़कों पर लगी रेहड़ियों पर खाने-पीने का सामान खुले में बिक रहा है। दूषित खाना खाकर शहरवासियों की सेहत खराब हो रही है। वहीं विभाग के पास ऐसे खाद्य पदार्थो के सैंपल लेने का समय नहीं है। पूरा दिन धूल-मिंट्टी व सड़कों पर बिखरी गंदगी उड़कर इन खाद्य पदार्थो में मिल रही है। दोपहर को पेय पदार्थो और शाम को फास्ट फूड वाली रेहड़ियां शहर में घूमती हैं। शहर की कोई भी सड़क ऐसी नहीं है, जिसके मोड़ पर रेहड़ी न लगी हो। जहां दोपहर से लोगों की ओर से इन रेहड़ियों से खरीदारी शुरू हो जाती है।

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शुद्धता का नहीं रखा जाता ध्यान

देसराज बाली का कहना है कि सरेआम खुले में खाद्य सामग्री बिना रोक टोक कई मेलों में बेची जा रही है। खुले में बेचे जा रहे खाद्य पदार्थों में शुद्धता का भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता। इतनी ही नहीं मेले में धूल मिट्टी से इन खाद्य पदार्थों को दूषित होना और भी ज्यादा संभावना बनी रहती है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की और से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खुले में खाद्य सामग्री की बिक्री प्रतिबंधित है। मिठाइयों के सैंपल भरे, खुले में सामान बेचने वालों को भूल गए

पाखर सिंह का कहना है कि सरकार की ओर से सख्त निर्देश हैं कि खाद्य सामग्री खुले में नहीं बेची जाए। उनकी सुरक्षा और शुद्धता सुनिश्चित हो। इसके बावजूद न्यूडल्स, टिक्की, बर्गर आदि खुले में बेचे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की और से त्योहारों के दिनों के मद्देनजर रखते हुए जिले में विभिन्न दुकानों पर मिठाइयां, खोया, पनीर आदि की फूड सैंपलिग की जाती है लेकिन खुले में बिना ढके खाद्य सामग्री धड़ल्ले से बिक रही है। उनकी जांच करना प्रशासन शायद भूल गया। गुणवत्ता की जांच नहीं होती

मानवप्रीत बाली का कहना है कि लोगों के भारी जमावड़े के साथ-साथ हवाओं से उड़ती धूल मिट्टी खाद्य सामग्री पर बैठती है। खुले में बेचे जा रहे ज्यादा फास्ट फूड के स्टाल लगे होते हैं, जिसे खाने के लिए लोगों की भी भीड़ जमा होती है। इसके अलावा गन्ने का जूस व अन्य तरह के जूस आदि के स्टालों पर धूल व मिट्टी बैठ जाती है। हैरत की बात है कि स्वास्थ्य विभाग ने खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता की जांच नहीं की है। नियम उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई

सहायक कमिश्नर फूड मनोज खोसला का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में आया है। इसके प्रति जो भी कोई नियम उल्लंघन करता पाया गया, उस पर बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रति मुहिम भी छेड़ी गई है ताकि बिना ढके खुले में बेचे जा रहे खाद्य पदार्थ मेलों तथा बाजारों में न बेचे जाएं। रेहड़ी वालों तथा लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जाता है। उनके तथा टीम द्वारा जिले के कई मेलों में जाकर रेहड़ी वालों को जागरूक किया गया है।


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